AAP सांसद Sanjay Singh ने राज्यसभा में 267 का नोटिस देते हुए अभिनेत्री कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेने की मांग की है। कंगना रनौत को बीते महीने भारत सरकार के द्वारा कला के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदाने के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्मश्री से सम्मानित किया है। लेकिन इस सम्मान के तुरंत बाद कंगना एक विवाद में फंस गई।
एक निजी टीवी चैनल के साथ बातचीत में कंगना ने कह दिया कि साल 1947 में मिली आजादी अंग्रेजों से भीख में मिली थी। कंगना के मुताबिक असली आजादी तो साल 2014 में मिली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता मे्ं आये।
कंगना के उस बयान पर पूरे देश में उनकी कड़ी आचोलना हुई। मुंबई सहित देश के अन्य कई हिस्सों में उनके खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुए। साथ ही कई राज्यों में पुलिस केस भी दर्ज हुए। जिसके बाद कंगना रनौत ने अपनी सफाई भी पेश की।
कंगना रनौत ने अपने बयान पर सफाई भी दी थी
कंगना ने कहा कि उनके द्वारा पूछे गए सवाल का अगर कोई जवाब दे देता है तो वह अपना पद्मश्री सम्मान वापस लौटा देंगी। कंगना ने पूछा कि पद्मश्री सम्मान वापसी की बात करने वाले पहले ये तो बताएं कि 1947 में क्या हुआ था।
वहीं ताजा मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि कंगना देश की आजादी को भीख में बताने वाली होती कौन है। ऐसे में कंगना ने देश के वीर देश देश के वीर सपूतों का अपमान किया है, उनको तो जेल में डाल देना चाहिए।
AAP सांसद संजय सिंह ने सांसदों के निलंबन को असंवैधानिक बताया
इसके साथ ही विपक्षी सांसदों के निलंबन के मसले पर बोलते हुए संजय सिंह ने इस एक्शन को पूरी तरह से संवैधानिक बताया और सांसदों के निलंबन पर सरकार से माफी की मांग की।
गौरतलब है कि कंगना के बयान पर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के महासचिव जितेंद्र रघुवंशी ने भी आपत्ति जताते हुए कहा था कि अभिनेत्री कंगना रणौत का बयान देश को वास्तविक आजादी 2014 के बाद मिली और 1947 की आजादी अंग्रेजों द्वारा भीख में दी गई, बेहद शर्मनाक है।
स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। उन्होंने कहा कि बयान उस समय दिया है जब देश भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। कंगना को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
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