Kanpur Dehat के मेजा में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ब्राह्मण मां और बेटी की जोड़ी की भीषण मौत के बाद राज्य में ब्राह्मणों की राजनीति शुरू हो गयी है। समाजवादी पार्टी ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए इसे ‘ब्राह्मण विरोधी’ करार दिया है। सपा इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की तैयारी में है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडेय ने कहा, “ब्राह्मण कोई वोट बैंक नहीं है। जिस तरह मेजा में योगी सरकार का बुलडोजर चला, जिसके बाद एक मां-बेटी की मौत हो गई, वह सरकार और उसके गुंडागर्दी का एक शर्मनाक उदाहरण है।” जिस तरह से ब्राह्मण परिवारों के घरों पर बुलडोजर चला और मां-बेटी को जिस तरह जलाकर राख कर दिया गया, इससे बुरा दिन बीजेपी सरकार के लिए दूसरा नहीं हो सकता। छह साल से हर वर्ग के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं और लोगों के घरों और उनके जीवन पर अवैध रूप से बुलडोजर चलाए जा रहे हैं।”
सपा प्रवक्ता रोली तिवारी मिश्रा ने आरोप लगाया, ”कब तक यूपी गरीब ब्राह्मणों पर अत्याचार के साक्षी? ये जलती लाशें प्रशासन की बेशर्मी का रोना रोती हैं। प्रमिला दीक्षित और नेहा दीक्षित को सरकारी दमन के तहत जलाकर मार डाला गया था। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “सत्ता के अहंकार की आग ने एक परिवार को जला डाला है।”
Kanpur Dehat: अखिलेश यादव ने पार्टी के ब्राह्मण नेताओं को क्या फरमान दिया
इस घटना के बाद अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, “जिस तरह से पार्टी प्रतिनिधिमंडल को पीड़ित परिवार से मिलने से रोका गया, वह दर्शाता है कि सरकार और प्रशासन अत्याचार और उत्पीड़न की मिसाल बन गए हैं। भाजपा सरकार के दिन गिने-चुने हैं। बता दें कि अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के सभी ब्राह्मण नेताओं को निर्देश दिया है कि राज्य में कहीं भी ब्राह्मणों को लेकर कोई घटना हो तो तुरंत इसकी सुचना पार्टी मुख्यालय में दें। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मणों के उत्पीड़न को मुद्दा बनाते हुए लोकसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण समाज को अपने साथ जोड़ने की राजनीति शुरू कर दी है।
23 नामजद के खिलाफ केस
बताते चले कि इस मामले में कानपुर पुलिस ने 23 नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मुकदमे में कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद लूंगा, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाकर 307, 302 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है। वहीं ग्रामीणों ने मांग की है कि पीड़ित के परिजनों को 50 लाख मुआवजा दिया जाए और दोनों बेटों को सरकारी नौकरी की भी मांग की गयी है। वहीं, घटना स्थल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग चल रही है।
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