MDH, Everest Masala Row: हांगकांग-सिंगापुर की आपत्त‍ि के बाद केंद्र सरकार का एक्शन, सैंपलों की होगी टेस्टिंग

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MDH और Everest दो जाने-माने ब्रांड के मसालों की सेल पर हांगकांग और सिंगापुर द्वारा बैन लगा दिया गया है। बैन लगते ही केंद्र सरकार सख्ते में आ गई है और दोनों ही ब्रांड के मसालों के सैंपल की टेस्टिंग कराने का फैसला किया है। फूड कमिश्नर को केन्द्र सरकार द्वारा सैंपल कलेक्ट करने के निर्देश दिए हैं। हांगकांग के खाद्य नियामक सेंटर फार फूड सेफ्टी ने इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (Ethylene Oxide) है की मात्रा ज्यादा होने की बात कही है, जिससे कैंसर होने का खतरा होता है। इसके बाद सिंगापुर ने भी इन मसालों पर बैन लगा दिया और इनकी बिक्री रोकने का निर्देश दिया था।

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा सभी फूड कमिश्नरों को अलर्ट कर दिया गया। मसालों के सैंपल कलेक्ट करने की प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया गया है। MDH और Everest के अलावा सभी मसाला बनाने वाली कंपनियों के प्रोडक्शन यूनिट से सैंपल लिए जाएंगे और तकरीबन 20 दिनों में लैब से रिपोर्ट आएगी।

स्पाइस बोर्ड से भी अपील की गई है कि मसालों में किसी भी तरह का हानिकारक तत्व न मिलाए जाएं और साथ ही यह भी बोला है कि अगर भारत के मसालों में हानिकारक तत्व पाया गया तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। आपको बता दें कि भारत में खाने-पीने की चीज़ों में एथिलिन ऑक्साइड के इस्तेमाल पर बैन लगा हुआ है। फूड रेगुलेशन के मुताबिक, ह्यूमन कंजम्पशन के लिए पेस्टिसाइड वाले फूड सिर्फ तभी बेचे जा सकते हैं जब फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों।

हांगकांग के बाद सिंगापुर ने भी लगाया बैन

इससे पहले हांगकांग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बयान जारी कर कहा कि MDH ग्रुप के तीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा पाई गई है। रूटीन सर्विलांस प्रोग्राम के तहत एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी यह पेस्टिसाइड पाया गया है। सिंगापुर के अधिकारियों ने एवरेस्ट के फिश करी मसाला को बाजार से वापस मंगाने का आदेश जारी किया। इन मसालों पर रोक एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा लिमिट से ज्यादा होने के कारण किया गया है। एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक है।

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