संसद सत्र से पहले Modi Government ने बुलाई All-Party Meeting, Congress सहित सभी प्रमुख विपक्षी दल हुए शामिल, AAP ने किया बहिष्कार

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संसद के शीतकालीन सत्र से पहले Modi government ने संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए All-Party Meeting बुलाई। इस बैठक में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित तमाम दलों ने शिरकत की लेकिन AAP ने इस बैठक का बहिष्कार किया।

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से बुलाई गई इस बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच आने वाले संसद सत्र में रखे जाने वाले विभिन्न मुद्दों पर खुल कर चर्चा हुई।

बैठक के संपन्न होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में कम से कम 15-20 महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। किसानों के समर्थम में सभी पार्टियों ने बैठक में केंद्र सरकार से स्पष्ट कहा कि MSP और इलेक्ट्रिक बिल पर तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिए और MSP पर किसानों की इच्छा के मुताबिक कानून बनाना चाहिए।

संसद भवन की एनेक्सी में संपन्न हुई इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और एनसीपी सहित तमाम विपक्षी दलों के लगभग-लगभग सभी प्रमुख नेता शामिल हुए।

टीएमसी की ओर से बैठक में शामिल हुए सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने 10 मुद्दे उठाए हैं, सूत्रों के मुताबिक बैठक में तृणमूल के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने तृणमूल की ओर से सरकार के सामने 10 मुद्दे रखे।

सरकार की इस बैठक का बहिष्कार करते हुए AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह सरकार अपने अलावा और किसी को न तो बोलने देती है और न ही अपनी बात रखने का मौका देती है। उन्होंने कहा कि AAP ने इस सत्र में MSP गारंटी कानून बनाने की मांग ऱखी है। वहीं किसान कह रहे हैं कि सरकार विद्युत संशोधन विधेयक नहीं लाये लेकिन कृषि मंत्रालय की ओर से इसे लिस्ट किया गया है।

AAP नेता ने कहा कि यह सरकार जिन्ना जिन्ना करती है उधर किसान गन्ना गन्ना कर रहा है और ये मानने को तैयार नहीं है। इस सरकार मे न संसद में बोलने दिया जाता है और ना ही सर्वदलीय बैठक में।

इस बैठक में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर आर चौधरी, आनंद शर्मा, टीएमसी से सुदीप बनर्जी और डैरेक ओ ब्रायन, डीएमके के टीआर बालू और टी सिवा, एनसीपी के शरद पवार शामिल हुए हैं।

मोदी सरकार संसद के शीताकालीन सत्र के पहले ही दिन वापस लिये गये तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए बिल लाने वाली है। जिसके लिए मोदी सरकार ने अपने दल के सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद भी किसान आंदोलन पर अड़े हैं, उनकी मांग है कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाए।

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