योगी शासन में अकबर ‘Allahabadi’ हो गये अकबर ‘Prayagraj’

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Prayagraj
Akbar Allahabadi

योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में जब इलाहाबाद का नाम बदलकर Prayagraj रखा गया तब बड़ा ही शोर-शराबा हुआ। अब यूपी शासन के द्वारा मशहूर ऊर्दू शायर अकबर Allahabadi का नाम भी नाम बदलकर अकबर ‘प्रयागराज’ कर दिया गया है, जिसका व्यापक विरोध देखने को मिल रहा है।

शायर अकबर ‘Allahabadi’ तखल्लुस से अपनी शायरी किया करते थे

इलाहाबाद के नाम बदलने पर भी कई हलकों में इसका विरोध हुआ कि इलाहाबाद हिंदू-मुस्लिम की साझी विरासत का गवाह रहा है। मुगल बादशाह अकबर के दीन-ए-इलाही का नाम पर शहर का नाम इलाहाबाद रखा गया था, जिसे योगी आदित्यनाथ ने हिंदू घर्म के साथ जोड़ते हुए प्रयागराज में बदल दिया।

Allahabadi
Akbar Allahabadi

दरअसल प्रयागराज में तीन नदियों (गंगा, यमुना और सरस्वती)का पवित्र संगम होता है और यहां हर 12 सला पर वृहद कुंभ का आयोजन होता है। इसलिए प्रयाग का भी अपना बड़ा महत्व है, लेकिन ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में देखें तो इलाहाबाद के नाम पर कभी कोई खास विवाद नहीं हुआ।

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योगी शासन ने जिले का नाम इलाहाबाद से बदलकर प्रयागराज कर दिया। लेकिन अब Allahabadi तखल्लुस लगाने वाले शायर अकबर ‘Allahabadi‘ का नाम भी शासन के फेहरिश्त में बदलकर ‘प्रयागराज’ कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक यह काम उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट के द्वारा किया गया है।

अब सोशल मीडिया पर इससे जुड़े स्क्रीनशॉट भी वायरल हो रहे हैं। वायरल तस्वीरें आयोग की वेबसाइट की हैं, जिसमें अकबर इलाहाबाद जैसे नामी शायर का नाम बदलकर अकबर ‘प्रयागराज’ किया गया है। इसके अलावा तेग इलाहाबादी और राशिद इलाहाबादी का भी नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ कर दिया गया।

इस मामले में कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा है, “हमें दुनिया में भेजा इसका तो अब क्या करें शिकवा, ये शिकवा है कि ऐसे दौर में पाई है पैदाइश , कबीरो गालिबो मीराँ ओ मीरो हो गए रुखसत, नमूनों पर टिकी है गीत-सुर-ग़ज़लों की पैमाइश..!“

Allahabadi
Akbar Allahabadi

वेबसाइट के About Prayagraj वाले कॉलम में यह बदलाव किया गया है। इस पेज पर प्रयागराज से जुड़ी तमाम बड़ी राजनैतिक-साहित्यिक हस्तियों मसलन जवाहर लाल नेहरू, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और हरिवंश राय ‘बच्चन’ के नामों का भी उल्लेख है।

इसी पेज पर प्रयागराज में उर्दू साहित्य के विस्तार पर जो प्राकाशित किया गया है उसमें नूह नारवी, शबनम नकवी के साथ अकबर ‘Allahabadi’ की अकबर ‘प्रयागराज’ लिखा है।

इसके अलावा तेग ‘प्रयागराज’ और राशिद ‘प्रयागराज’ नाम से भी शायरों के मूल नाम में बदलाव किए गए हैं। जिसे लेकर प्रबुद्ध वर्ग में भारी नाराजगी है। हालांकि इस संबंध में आयोग की ओर से कोई बयान या खंडन नहीं आया है लेकिन ऐतिहासिक व्यक्तियों के नामों में इस तरह के छेड़छाड़ की यह पहली घटना है।

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