किसान नेता Rakesh Tikait का कहना है कि बड़ी संख्या में किसान रविवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर खाली कर देंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का एक बड़ा समूह रविवार सुबह 8 बजे गाजीपुर बॉर्डर खाली कर देगा। आज की बैठक में, हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे और उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने हमारी मदद की। लोगों ने खाली करना भी शुरू कर दिया है, इसमें 4-5 दिन लगेंगे। 15 दिसंबर को खुद यहां से निकलूंगा। बता दें कि अपने साल भर के विरोध प्रदर्शन के खत्म होने के बाद किसान अपने घरों को लौट रहे हैं। आज टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने अपनी बस्तियों को गिरा दिया। वहीं सिंघू बॉर्डर पर भी किसानों ने अपने विरोध स्थल को खाली कर दिया। किसानों की घर वापसी से सिंघू सीमा के पास केएमपी फ्लाईओवर पर यातायात प्रभावित रहा। इससे पहले सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने ‘भजन’ किया।
नए ड्राफ्ट पर बनी है सहमति
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने कहा था कि सरकार की तरफ से पहले जो ड्राफ्ट आया था, उस पर हमारी सहमति नहीं बनी थी। हमने उसमें कुछ सुधारों की मांग कर लौटा दिया था। सरकार दो कदम और आगे बढ़ी है। फिर जो ड्राफ्ट आया , उसको लेकर हमारी सहमति बन गई है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने जो ड्राफ्ट भेजा था, उसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार मृतकों को 5 लाख का मुआवजा राज्य सरकार देगी। वहीं, राज्य सरकार भी किसानों पर दर्ज केस वापस लेगी।
इसी दौरान हरियाणा सरकार ने भी किसानों को मुआवजे के तौर पर 5 लाख की मदद और केस वापस लेने की सहमति दे दी है। केंद्र सरकार ने भी सभी केस वापस लेने पर सहमति दे दी है। केंद्र ने MSP कमेटी में सिर्फ मोर्चे के नेताओं को रखने की बात भी मान ली है।
क्या है नये प्रस्ताव में?
MSP कमेटी में केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि होंगे। कमेटी 3 महीने के भीतर रिपोर्ट देगी। जो किसानों को MSP किस तरह मिले, यह सुनिश्चित करेगी। वर्तमान में MSP पर फसल की जितनी खरीद की जा रही है वह जारी रहेगी। सभी केस तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएंगे।
UP, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और हरियाणा सरकार ने इसके लिए सहमति दे दी है। केंद्र सरकार, रेलवे और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से दर्ज केस भी तत्काल वापस लिए जाएंगे। राज्यों को केंद्र सरकार भी अपील करेगी।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने पंजाब की तरह मुआवजा देने पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। बिजली बिल पर किसानों पर असर डालने वाले प्रावधानों पर संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी। उससे पहले इसे संसद में पेश नहीं किया जाएगा। पराली के मुद्दे पर केंद्र सरकार के कानून की धारा 15 में जुर्माने के प्रावधान से किसान मुक्त होंगे।
यह भी पढ़ें:Farmers Protest: सरकार और किसानों के बीच बनी सहमति, आंदोलन हुआ खत्म, शनिवार से घर लौटेंगे किसान