Loksabha में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के इस बयान के बाद कि सरकार के पास किसान आंदोलन में किसानों की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है कांग्रेस हमलावर हो गई है। मामले में एपीएन न्यूज से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता अलका लांबा (Alka Lamba) ने कहा कि सरकार के पास आंकड़े नहीं हैं अकड़ बहुत है। किसानों की मौत का जो आंकड़ा सरकार के पास नहीं है उसे हम देने को तैयार हैं, रही बात एमएसपी की तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के काल में इस पर कमेटी बनी थी उसके अध्यक्ष गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे और उस उस वक्त जो एमएसपी पर बात कही थी उस बात को याद करना चाहिए उसी आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए।
क्या है मामला?
दरअसल सरकार से संसद में सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए कोई प्रस्ताव रखा है? इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए सवाल का मतलब नहीं बनता है।
700 से अधिक किसानों की गई जान: खड़गे
मामले पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह किसानों का अपमान है। 3 कृषि कानूनों के विरोध में 700 से अधिक किसानों की जान चली गई। केंद्र कैसे कह सकता है कि उनके पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है? अगर सरकार के पास 700 लोगों का रिकॉर्ड नहीं है तो उन्होंने महामारी के दौरान लाखों लोगों का डेटा कैसे एकत्र किया था। पिछले 2 वर्षों में COVID-19 के कारण 50 लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई लेकिन सरकार के अनुसार, केवल 4 लाख लोग वायरस के कारण मरे।
किसानों का आंदोलन जारी है
मालूम हो कि किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले गुरुपर्व के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों की वापसी का एलान किया था। वहीं शीतकालीन सत्र में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए विधेयक संसद से पारित कर दिया गया है।
पीएम ने मांगी थी माफी
देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि शायद हम किसानों को समझा नहीं पाए, इसलिए हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। बिल वापसी की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने देश की जनता से माफी भी मांगी थी।
यह भी पढ़ें:Farmers Protest: किसानों की ये 5 मांगें मान ले सरकार तो खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन