12 मार्च 1993 में हुए मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके की गूंज आज भी लोगों के कान में सुनाई देती है। उस भंयकर बम धमाके के करीब 24 साल बाद कुछ आरोपियों को टाडा कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने मुस्तफा और मोहम्मद दोसा, फिरोज राशिद खान, ताहिर मर्चेंट को 1993 ब्लास्ट का दोषी करार दिया गया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात थी। इस मामले में अबू सलेम समेत सात आरोपियों पर जस्टिस जी.एस. सानप की बेंच अपना फैसला सुनाएगी। दोषियों में सलेम के अलावा मुस्तफा दोसा, ताहिर मर्चेंट, अब्दुल कय्यूम, करीमुल्ला शेख, रियाज सिद्दीकी और फिरोज राशिद खान शामिल हैं।
मुकदमे का पहला पहला चरण 2007 में पूरा हुआ था। इसमें कोर्ट ने 100 लोगों को दोषी ठहराया था और 23 लोगों को बरी कर दिया था। इस मामले में सलेम पर गुजरात से हथियार मुंबई ले जाने का आरोप है। मुस्तफा दोसा पर भारत में आरडीएक्स समेत विस्फोटकों को लाने का आरोपी है। सलेम ने एके-56 राइफलें, 250 बुलेट और कुछ हैंड ग्रेनेड अभिनेता संजय दत्त को उनके आवास पर 16 जनवरी 1993 को सौंपे थे। दो दिन बाद सलेम और दो अन्य लोग दत्त के घर से दो राइफल और कुछ गोलियां ले गए थे।
गौरतलब है कि 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए इस आतंकी बम धमाके में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। उस दिन मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए। जानकारी के अनुसार इस धमाके की वजह से 27 करोड़ रुपये संपत्ति नष्ट हुई थी।