Allahabad High Court ने अपने एक फैसले में कहा है कि अकेली महिला के पास कोर्ट में आने के लिए सहयोगी न होना मुकद्दमे के तबादले का अच्छा आधार है। इसी के साथ कोर्ट ने एक रेजिडेंट डॉक्टर के खिलाफ कानपुर नगर में चल रहे तलाक के मुकद्दमे को प्रयागराज में स्थानांतरित कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने डाॅ गरिमा त्रिपाठी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत को तलाक केस को 6 माह में निर्णीत करने का भी निर्देश दिया है।
200 km जाना कठिन
याचिकाकर्ता गरिमा त्रिपाठी कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल प्रयागराज में रेजिडेंट डॉक्टर है। इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना था कि वह अकेली है। कानपुर कोर्ट आने-जाने के लिए सहयोगी नहीं है। इसलिए केस प्रयागराज स्थानांतरित किया जाए । 200 km जाना कठिन है। वहीं इस मामले में पति का कहना था कि तलाक में देरी करने के लिए याचिका दायर की है और प्रयागराज में उसके जीवन को खतरा है। कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना।
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