पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है। बाबा रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा और जो गलती हो हुई है उसके लिए माफी मांगते हैं। कोर्ट ने पतंजलि की माफी को स्वीकार नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने क्या किया है इसका आपको अंदाजा नहीं है। हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे। पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की 10 अप्रैल को दोबारा सुनवाई होगी।
आपको बता दें, इस मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच कर रही है। इससे पहले 27 फरवरी को हुई सुनवाई में पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापनों पर रोक लगाई थी और इसके अलावा अवमानना कार्यवाही में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। 19 मार्च को भी इस मामले की सुनवाई की गई थी। पतंजलि ने पहले सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह अपने प्रोडक्ट की औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने का कोई भी बयान नहीं देगा।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया। यह तो हमने छूट दे रखी है और यह अदालत की अवमानना का मामला है।
जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पहले जो हुआ। उसके लिए आप क्या कहेंगे? यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं और अब यह हमें स्वीकार नहीं है।
जस्टिस हिमा कोहली ने यह भी कहा कि आप यहां आश्वासन देते हैं और आपने प्रेस कॉफ्रेंस किया। आपको नवंबर में चेतावनी दी गई थी और इसके बाद भी प्रेसवार्ता करते हैं।
कड़ी नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव के जवाब से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं साथ ही कोर्ट ने कहा कि अब हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और हमें आपकी माफी स्वीकार नहीं।