ISRO के पूर्व वैज्ञानिक को झूठे आरोप में फंसाने के मामले की सुनवाई SC में टली

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Supreme Court: ISRO के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण को झूठे आरोप में फंसाने के मामले की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में होनी थी। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निजी कारण से मामले की सुनवाई को टालने की मांग की। कोर्ट ने आग्रह स्‍वीकारते हुए अब सुनवाई की अगली तारिख 11 मार्च तय कर दी है। पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार को केरला हाई कोर्ट से मिली जमानत का विरोध करते हुए उस आदेश के खिलाफ CBI ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है।

Supreme Court: तीन पुलिसकर्मियों को मिली थी अग्रिम जमानत

इस मामले में केरल हाई कोर्ट ने आईबी अधिकारी और तीन पुलिसकर्मियों को अग्रिम जमानत दी थी। इस फैसले को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसरो के साइंटिस्ट नांबी को 1994 में जासूसी केस में फंसाने के आरोप पुलिस कर्मियों और आईबी के अधिकारी पर लगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच में सीबीआई की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।

पूर्व जज की कमिटी ने की जांच
पिछले साल शीर्ष अदालत ने कहा था कि इसरो के साइंटिस्ट नंबी नारायणन को झूठे जासूसी मामले में फंसाने और प्रताड़ना मामले में पूर्व जस्टिस डीके जैन की कमिटी ने जांच की। सिर्फ उस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई मामले में अभियोजन नहीं कर सकती बल्कि सीबीआई को इस मामले में तथ्य जुटाने होंगे। वर्ष 2018 में इस मामले की जांच के लिए उच्‍च स्‍तरीय कमिटी बनाई गई थी जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस डीके जैन की अगुवाई वाली कमिटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया था।

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