UP Election 2022 के गहमागहमी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया। लेकिन कृषि कानूनों का जिन्न भाजपा का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है।
UP Election के मद्देनजर सभी विपक्षी दल इस मामले को सुलगाना चाहते हैं ताकि जनता के बीच में वह भाजपा विरोधी माहौल बना सकें। इसी क्रम में यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने एक बार फिर किसानों के आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। प्रियंका गांधी पहले भी इस मामले में मोदी सरकार को अहंकारी बता चुकी हैं।
प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनो को लेकर ट्वीट करते हुए कहा, रस्सी जल गई, लेकिन ऐंठन न गई।
चुनावी मौसम में भाजपा सरकार किसान बिल तो वापस ले रही है, लेकिन कृषि मंत्री जी द्वारा सांसदों को लिखे गए नोट से स्पष्ट है कि भाजपा की किसान विरोधी मानसिकता अभी भी काबिज है।
इससे पहले भी किसान आंदोलन पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था, ”किसान आंदोलन का एक साल। किसानों के अडिग सत्याग्रह, 700 किसानों की शहादत और निर्मम बीजेपी सरकार के अहंकार व अन्नदाताओं पर अत्याचार के लिए जाना जाएगा। लेकिन भारत में किसान की जय-जयकार हमेशा थी, है और रहेगी। किसानों के संघर्ष की जीत इसका प्रमाण है.जय किसान।”
गौरतलब है कि किसान संगठनों के भारी आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक में इन कानूनों को रद्द किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई है। हालांकि किसान संगठन एमएसपी की कानूनी गारंटी और बिजली जैसी कुछ अन्य मांगों को पूरा किए जाने को लेकर अब भी आंदोलन जारी रखने के मूड में हैं।
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