पटाखों को लेकर Supreme Court सख्त, कहा- त्‍योहार की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों की अनुमति नहीं दी जा सकती

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Supreme Court on firecrackers
Supreme Court on firecrackers

Diwali के त्‍योहार के आने में अब कुछ ही दिन का समय बचा है और दीवाली (Diwali) में लोगों को जो चीज सबसे ज्यादा उत्साहित करती है तो वो है पटाखे फोड़ना। अब पटाखे को लेकर Supreme Court ने बहुत ही महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह कोई प्रतिबंध नहीं है और केवल बेरियम साल्ट (Barium salts) और रसायन से बने पटाखों (Chemical Crackers) पर प्रतिबंध है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी अथॉरिटी को कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन करने और उत्सव की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में प्रतिबंधित पटाखे (Firecrackers) खुलेआम बेचे जाने पर केन्द्र और राज्य सरकारों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था कि आप दूसरों के अधिकार और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते।

Green Crackers की मंजूरी तो हानिकारक पटाखे क्‍यों मौजूद?

सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि हम लोगों के अधिकारों कि रक्षा करने के लिए हैं। कोर्ट ने कहा था कि Green Crackers की मंजूरी दी गई है लेकिन बाजार में हानिकारक रसायन वाले पटाखे भी मौजूद हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों को सख्ती के साथ आदेश का पालन कराना चाहिए, नागरिकों के जीवन मूल्यों से खिलवाड़ नहीं कर सकते।

न्यायालय ने पहले भी इस चीज पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी कि चेन्नई में CBI द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि तमिलनाडु में छह पटाखा निर्माता पटाखा बनाने के लिए बेरियम और बेरियम साल्‍ट का उपयोग कर रहे थे। रसायनों के उपयोग पर न्यायालय ने प्रतिबंध लगाया है।

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