बीजेपी नेता अमित मालवीय ने किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पर लखीमपुर खीरी मामले पर दिए गए बयान के लिए निशाना साधा है। ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए मालवीय ने कहा कि दिल्ली हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर युवक की हत्या के लिए किसान नेता राकेश टिकैत का वह बयान जिम्मेदार है जिसमें उन्होंने कहा था कि लखीमपुर हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता एक्शन के रिएक्शन का शिकार हुए।
मालवीय ने ट्वीट किया, ‘अगर राकेश टिकैत ने लखीमपुर में मॉब लिंचिंग को सही नहीं ठहराया होता तो आज कुंडली सीमा पर एक युवक की हत्या नहीं हुई होती। किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे अराजकतावादियों को बेनकाब करने की जरूरत है।’
लखबीर सिंह की बर्बर हत्या
सिंघू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में लखबीर सिंह की हुई बर्बर हत्या के मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस जघन्य हत्या को लेकर जहां आंदोलनकारी किसान सदमे में हैं वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पुलिस से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है।
इस हत्या में कथित तौर पर निहंगों के नाम आने से मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सिंघू बॉर्डर पर हत्या का जो तालिबानी मंजर दिखाई दिया उसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है।
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अपराधियों द्वारा गुरुवार की रात किसान आंदोलन स्थल के पास 35 साल के लखबीर सिंह नामक नवयुवक की बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्य़ारों ने इतने बर्बर तरीके से लखबीर की हत्या को अंजाम दिया कि वहां मौजूद लोगों की रूह तक कांप गई। हत्य़ारों ने लखबीर के हाथ काटकर उसके शव को बैरिकेड से लटका दिया।
उसके शरीर पर धारदार हथियार से कई हमले के निशान मिले हैं। शव का हाथ शरीर से अलग कटा हुआ है। यही नहीं हत्यारों ने उसकी पांचों उंगलियों के साथ हथेली भी काटकर अलग कर दी है। इस मामले में कुछ लोग कथिततौर पर निहंग सिखों पर आरोप लगा रहे हैं वहीं निहंग सिखों का कहना है कि लखबीर ने पवित्र गुरुग्रंथ साहब का अपमान किया। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ा।