ज्योति मौर्य पर लटक रही थी दोहरी तलवार! पढ़िए आखिर कितनी पेंचीदा है ज्योति और आलोक मौर्य की कहानी की चौथी किस्त…

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ज्योति मौर्य के खिलाफ आलोक मौर्य ने काली कमाई के जो संगीन इल्जाम मढ़े थे उसकी जांच के लिए कमेटी बनायी गई। ये तय करना कमेटी का काम था कि आलोक के आरोपों में आखिर कितना दम है। डायरी का राज़ खुलने वाला था और इसी के साथ ही एसडीएम मैडम की मुश्किलें भी बढ़ती नज़र आ रही थी। बता दें, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी।

तीन सदस्यों वाली कमेटी को एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। ज्योति मौर्य पर कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के कई और भी आरोप थे । एपीएन न्यूज को सूत्रों के हवाले से पता चला कि जब ज्योति मौर्य सोरांव की एसडीएम थीं उस वक्त की फाइलें तहसील से मंगाई जा रही थी। इन फाइलों में कौन सा राज़ कैद है, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ था। जांच कमेटी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।

सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही थी कि कमेटी पहले ज्योति और आलोक से अलग-अलग पूछताछ करेगी। इसके बाद दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। हालांकि, जांच कमेटी के सदस्य इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे। अपर आयुक्त अमृत लाल बिंद का सिर्फ इतना कहना था कि जांच की जा रही है। कोशिश होगी कि निर्धारित अवधि में सभी बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट सौंप दी जाए।

इसी बीच सोशल मीडिया पर ज्योति मौर्य की होमगार्ड के कमांडेंट मनीष दुबे के साथ माला पहने हुए फोटो वायरल हुई । हालांकि, फोटो सही है या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हुई थी। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कमेटी को इस मामले की भी जांच करनी थी। अफसरों का कहना है कि पति या पत्नी के रहते हुए तथा बिना तलाक दिए दूसरी शादी करना कर्मचारी कदाचार नियमावली का उल्लंघन है।

ज्योति मौर्य पर दोहरी कार्रवाई की तलवार लटक रही थी जहां एक तरफ भ्रष्टाचार का मामला था तो वहीं दूसरी तरफ दूसरी शादी का भी मसला था। ज्योति मौर्य केस में आलोक मौर्य प्रयागराज में जांच कमेटी के सामने पेश हुए। आलोक ने जांच कमेटी से ज्योति मौर्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए वक्त मांगा। मीडिया से बातचीत में आलोक मौर्य पहले की तरह रोते बिलखते नजर नहीं आए बल्कि पूरी तरीके से कॉन्फिडेंस में थे। उनके चेहरे पर तनाव का कोई साया तक नहीं था।

जाहिर है कि आलोक मौर्य का जोश हाई था, आलोक मौर्य को पूरी तरह यकीन था कि जो इल्जम अपनी पत्नी ज्योति मौर्य पर उन्होंने लगाए हैं उन्हें साबित करने केलिए उनके पास पर्याप्त सुबूत हैं। जांच कमेटी ने आलोक मौर्य की बात सुनने के बाद ज्योति मौर्य के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए 20 दिन का टाइम दिया। आलोक मौर्य से सुबूत पेश करने के लिए कमेटी ने बोला। आलोक मौर्य को जांच कमेटी पर पूरा भरोसा था, हालांकि पहले आलोक मौर्य ने आरोप लगाया था कि उनकी हत्या की साजिश ज्योति मौर्य मनीष दुबे के साथ मिलकर रच रही हैं। लेकिन जब मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या उनकी जान को खतरा है तो आलोक ने जवाब को टाल दिया।

जांच अधिकारी अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल के मुताबिक आलोक मौर्य 28 अगस्त को जांच कमेटी के सामने दोबारा पेश होंगे। इससे पहले आलोक की एसडीएम बीवी ज्योति मौर्य मंगलवार को अचानक प्रयागराज पहुंच गई थीं। PCS अफसर ज्योति मौर्य सीधे जांच अधिकारी के दफ्तर गईं। जैसे ही इसकी जानकारी आलोक मौर्य को लगी, वो भी थोड़ी देर बाद वहां पहुंच गए। इस मामले में जांच अधिकारी का कहना था कि दोनों आए जरूर थे, लेकिन ये अनऑफिशियल विजिट थी। अभी कमेटी ने पूछताछ के लिए नोटिस नहीं जारी किया था।

आलोक मौर्य की मुस्तैदी दिखी जबकि ज्योति मौर्य बयान दर्ज कराने में वक्त ले रही थीं। जांच कमेटी के मुताबिक ज्योति मौर्य ने अपना बयान दर्ज कराने के लिए समय मांगा, जो कि उन्हें उस हफ्ते दे दिया गया। साथ ही आलोक से भी साक्ष्य मांगे गए। आलोक ने 2 दिन का समय मांगा। साक्ष्य मिलने के बाद आरोपों की जांच होनी थी। इसके बाद ही संबंधित लोगों से पूछताछ की जानी थी। ज्योति का बयान महिला मजिस्ट्रेट के सामने वीडियोग्राफी के बीच कराए जाने का फैसला लिया गया।

अब सिग्नेचर एक्सपर्ट को तय करना था कि दस्तखत एसडीएम मैडम ज्योति मौर्य के हैं या नहीं, आलोक ने 32 पन्ने की जिस डायरी के हवाले से अपनी पत्नी ज्योति मौर्य पर आरोपों के तीर छोड़े थे में उसकी लिखावट की जांच हैंडराइटिंग एक्सपर्ट करने वाले थे। कमेटी ने आलोक को 28 अगस्त को दोबारा बुलाया। अपर आयुक्त अमृत लाल बिंद की अध्यक्षता में शामिल तीन सदस्यीय कमेटी ने पूछताछ के लिए आलोक को बुधवार को बुलाया था। बता दें, इसी सप्ताह ज्योति को भी बुलाया गया था।

हालांकि मंगलवार को ही आलोक और ज्योति मौर्य दोनों ने अपर आयुक्त से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा, लेकिन ये मुलाकात अनौपाचारिक बताई गई। ऐसे में नोटिस में निर्धारित समय के अनुसार, आलोक बुधवार को कमिश्नरी में कमेटी के सामने उपस्थित हुए। सदस्यों ने आलोक की ओर से ज्योति के खिलाफ लगाए गए आरोपों के परिपेक्ष्य में पूछताछ की। आलोक ने इस दौरान फिर आरोप दोहराए, लेकिन सदस्यों के सवाल और साक्ष्य मांगे जाने पर 20 दिन का समय मांगा। इसके बाद आलोक को 28 अगस्त को साक्ष्यों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया।

इस बीच पूरी कहानी कोर्ट पहुंच गई थी। ज्योति मौर्य का इल्जाम था कि आलोक मौर्य और उसके परिवार ने झूठ बोलकर शादी करवाई। आलोक को अधिकारी बताया गया था लेकिन दरअसल वो था फोर्ड ग्रेड कर्मचारी, सफाईकर्मी था। आळोक सुबूत के तौर पर ज्योति मौर्य की ओर से शादी का एक कार्ड भी सामने आया। जिसमें आलोक को अधिकारी बताया गया था।

अब यहां पर ये सवाल उठ खड़ा हुआ कि अगर ऐसा ही था तो आलोक के खिलाफ ज्योति मौर्य दस साल बाद क्यों जुबान खोल रही थीं। शादी ब्याह के मामलों में गड़बड़ी होती है तो पति या पत्नी के पक्ष से कुछ दिनों, या कुछ हफ्तों या कुछ महीनों के भीतर ही विवाद सामने आ जाता है। अगर आलोक मौर्य झूठा था तो ज्योति मौर्य ने ये बात पहले क्यों नहीं रखी। इसके लिए दस साल क्यों इंतजार किया, और ज्योति मौर्य ने ये बात कभी भी तो तब जब आलोक मौर्य ने उनके खिलाफ इल्जाम लगाया। जाहिर है ये एक ऐसा पेंच है जो किसी की समझ से परे था।

ज्योति मौर्य की तरकश से दूसरा तीर ये चला कि आलोक मौर्य और उसके परिवार ने दहेज में फॉर्चुनर गाड़ी मांगी, तीस लाख रूपये मांगे। अब दहेज और झूठ को आधार बनाकर ज्योति मौर्य आलोक से डाइवोर्स चाहती थीं। आलोक मौर्य को इंसाफ दिलाने की मुहिम सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही थी, लोग योगी सरकार से मांग करने लगे कि योगी सरकार आलोक मौर्य को इंसाफ दिलाए।

ज्योति मौर्य अपने पति आलोक मौर्य से विवाद के बीच पहली बार 7 जुलाई की शाम लखनऊ में लोकभवन पहुंची। ज्योति मौर्य ने उच्च अधिकारियों को अपना जवाब बंद लिफाफे में दिया। इसके बाद कार में बैठकर लौट गईं। हालांकि इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। अब यूपी की एसडीएम मैडम ज्योति मौर्य कोर्ट नहीं पहुंचीं, मामला आलोक मौर्य के साथ तलाक का था, लेकिन असल मामला तो आलोक मौर्य का ज्योति के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का था। सवाल ये था कि सरकार ने जो जांच कमेटी बनाई थी, उसकी इंक्वायरी कब पूरी होगी ज्योति मौर्य ये भी चाहती थीं कि उनकी खबर मीडिया में नहीं दिखाई जाए। दिल्ली हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा, ज्योति मौर्य अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंतित नजर आयीं।

यूपी की एसडीएम मैडम ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य के बीच चल रही कानूनी जंग उलझती जा रही थी। इस बीच ज्योति मौर्य को प्रयागराज में फैमिली कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुईं। मालूम चला कि मैडम ट्रेनिंग पर हैं। इसलिए उन्हें पेशी पर आने का टाइम नहीं मिला। फोर्थ ग्रेड कर्मचारी पति आलोक मौर्य से ज्योति मौर्य डाइवोर्स चाहती हैं। इसीलिए उन्होंने कोर्ट में डाइवोर्स का मुकदमा लगा रखा था, लेकिन ट्रेनिंग की व्यस्तता के चलते सुनवाई नहीं हो सकी।

आगे जारी है…..

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