Indians In Ukraine: यूक्रेन में फंसे छात्रों की सलामती के लिए हो रहा है ‘Shri Akhand Path Sahib’, DSGMC ने किया आयोजन

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Indians In Ukraine
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Indians In Ukraine: यूक्रेन और रसिया (Russia-Ukraine) के बीच चल रहे वार को आज पांचवा दिन है। पिछले पांच दिन से यूक्रेन की सड़कों पर मौत घूम रही है। ऐसे में MBBS की पढ़ाई करने यूक्रेन गए भारतीय छात्र फंस गए हैं। छात्र अन्य देशों में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं। कई लोग बेसमेंट में छुपे हैं। वहीं अन्य लोगों को भारत सरकार स्वदेश लाने का प्रयास कर रही है। पर सोशल मीडिया पर छात्रों के आंसू देखकर भारत में उनके परिजन और भारतीय परेशान हैं। उनकी सलामती के लिए Delhi Sikh Gurdwara Management Committee (DSGMC) अखंड पाठ कर रहा है।

Indians In Ukraine: सरकार छात्रों को वहां से निकाले-DSGMC

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दिल्ली के बंगला साबिह गुरद्वारे में Delhi Sikh Gurdwara Management Committee ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों की सलामती के लिए ‘Shri Akhand Path Sahib’ का आयोजन किया है। गुरद्वारा में पाठ करने वालों का कहना है कि हम युद्ध जल्द खत्म होने की दुआ कर रहे हैं। यूक्रेन की सरहदें जल्द ही खुल जाएंगी।

DSGMC के Vice President Atma Singh Luban ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि सरकार हमारे लोगों को यूक्रेन से सुरक्षित भारत लेकर आए। उन्हें कोई दिक्कत न हो। यूक्रेन की जनता के लिए हम दुआ कर रहे है। ये युद्ध जल्द ही खत्म हो जाए।

Indians In Ukraine: यूक्रेन में हालात खराब

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जाहिर है राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए रूस की सेना आगे बढ़ रही है। यूक्रेन की सड़कों पर रूस के टैंक और बख्तरबंद वाहन दौड़ रहे हैं। देश के राष्ट्रपति Volodymyr Zelenskyy ने कहा है कि अगले 24 घंटे यूक्रेन के लिए Crucial साबित होने वाला है। रूस के राष्ट्रपति ने अपने Nuclear Deterrence Force को तैयार रहने का आदेश दिया है। पुतिन के इस फैसले से यूक्रेन पर खतरा और बढ़ गया है।

बता दें कि Soviet Union के विघटन (Disintegration) के बाद 1991 में यूक्रेन को स्वतंत्रता मिली थी। 1991 तक यूक्रेन सोवियत संघ का सदस्य था लेकिन जब वो विघटित हो गया तब से रूस ने यूक्रेन को अपने क्षेत्र में रखने की कोशिश की है। 2014 में यूक्रेन के औद्योगिक गढ़ डोनेट्स्क बेसिन में एक अलगाववादी विद्रोह शुरू हुआ था। जिसके बाद क्रीमिया में कब्जे करके रूस ने समुद्री लाभ प्राप्त किया था और उसी के बाद से अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों ने यूक्रेन की सीमाओं की रक्षा करने की बात कही थी।

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