Uttarakhand News: ऋषिकेश संगीत महोत्सव 2022 में आध्‍यात्मिक संगीत और रॉक बैंड ने मचाई धूम

Uttarakhand News: दो दिवसीय संगीत महोत्सव की शुरुआत स्‍वामी नारायण वैदिक ऋषिकुल द्वारा संगीत के मूलभूत पाठ, सामवेद के आह्वान के साथ हुआ। इसके बाद संजीव और अश्विनी शंकर द्वारा शहनाई और स्मित तिवारी द्वारा सरोद की धुन के साथ महोत्सव को आगे बढ़ाया गया।

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Uttarakhand News: हिमालय की तराई और पावन गंगा के तट, ऋषिकेश में पर आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय दो दिवसीय ऋषिकेश संगीत महोत्सव 2022, जीवन लय का आयोजन कर रहा है। इस महोत्सव को संगीत नाटक अकादमी और कुटानी हैंडपैन एकेडमी मिलकर आयोजित कर रहे हैं।

जिसमें उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड, जिला प्रशासन, टिहरी गढ़वाल और परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश का भी विशेष सहयोग है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, उत्तराखंड के वन और जलवायु परिवर्तन, भाषा, निर्वाचन, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल और ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगंई समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।

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Uttarakhand News: दो दिन मनमोहक संगीत के कार्यक्रम होंगे

यहां दो दिन दो सत्रों में रंगारंग कार्यक्रमों का आगाज होगा। पहला सत्र परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में सुबह 5.30 बजे से और दूसरा सत्र शाम 5 बजे से पूर्णानंद मैदान में आयोजित हुआ। वहीं, दूसरे दिन का पहला सत्र सुबह 5 बजे से परमार्थ निकेतन में और दूसरा सत्र शाम 5 बजे से पूर्णानंद मैदान में आयोजित होगा।

Uttarakhand News: ऋषिकेश की सुबह सुरमई संगीत, शाम में रॉक बैंड मचाएंगे धमाल

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Rishikesh Sangeet Mahotsav 2022

दो दिवसीय संगीत महोत्सव की शुरुआत स्‍वामी नारायण वैदिक ऋषिकुल द्वारा संगीत के मूलभूत पाठ, सामवेद के आह्वान के साथ हुआ। इसके बाद संजीव और अश्विनी शंकर द्वारा शहनाई और स्मित तिवारी द्वारा सरोद की धुन के साथ महोत्सव को आगे बढ़ाया गया।

Uttarakhand News: कार्यक्रम में नाद योग हमें पहले दिन की गतिविधियों के लिए तैयार करेगा। जिसमें बाबा कुटानी, हैंडपैन पर एक कार्यशाला का भी आयोजन करेंगे। इसके बाद कार्यक्रम के दूसरे सत्र की शुरुआत शाम 5 बजे त्रिवेणी घाट पर बाउल संगीत के साथ गंगा आरती से की जाएगी। गंगा आरती के बाद अर्ज बैंड और कैलाश खेर के कैलासा बैंड की प्रस्तुति भी होगी।
दूसरे दिन के पहले सत्र की शुरुआत बहाउद्दीन डागर की रुद्र वीणा के साथ हुई। नागस्वरम और बांसुरी पर एक हिंदुस्तानी-कर्नाटक संगीत की जुगलबंदी होगी।

इसके बाद बीटल्स गांव के लिए यात्रा और बांसुरी और डिजरिडू की बनावट पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा। दूसरे दिन के अंतिम सत्र में स्वास्तिक बैंड, इंडियन ग्रूवर्स प्रस्तुति देंगे।

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