राजीव गांधी हत्याकांड: SC ने कहा दोषी पेरारिवलन को आचरण और बीमारी के आधार पर दी जमानत

प्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर कहा था, कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद भी उसकी क्षमा याचना जो कि राज्यपाल के पास लंबित है, उस पर कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं यह उचित नहीं है।

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्‍याकांड के दोषी पेरारिवलन को जमानत देते हुए कहा, कि जेल में रहते हुए उसके आचरण, शैक्षिक योग्यता और बीमारी के आधार पर जमानत दी जा रही है। 32 साल बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे पेरारिवलन जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद वह पेरोल पर है। पेरारिवलन को जमानत देने का ASG नटराजन ने विरोध करते हुए कहा कि उसे फांसी की सजा मिली थी, लेकिन सजा में देरी की वजह से उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया। अब तमिलनाडु के राज्यपाल के पास इसकी क्षमा याचना की अपील पेंडिंग है।ऐसे में इसे जमानत देना कानून संवत नहीं होगा।

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Supreme Court: हलफनामे में कहा, राष्ट्रपति ही कोई निर्णय ले सकते हैं

हालांकि राज्यपाल की ओर से इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा गया है, कि इस मामले में राष्ट्रपति ही कोई निर्णय ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर कहा था, कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद भी उसकी क्षमा याचना जो कि राज्यपाल के पास लंबित है, उस पर कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं यह उचित नहीं है। इस पर विचार किया जाना चाहिए कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद क्या राज्यपाल अपील पर निर्णय लिए बिना रह सकते हैं। इस मामले पर तमिलनाडु सरकार ने उसकी उम्र कैद को खत्म करने का प्रस्ताव भी पास कर चुका है। जिसकी अपील राज्यपाल के पास लंबित है।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर परमबीर सिंह को राहत नहीं, अगली सुनवाई 24 को
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिशनर परमबीर सिंह के खिलाफ दाखिल सभी मुकदमों को रद्द करने या CBI को ट्रांसफर करने की मांग को लेकर सुनवाई नहीं हुई। अब इस मामले पर 24 मार्च को सुनवाई होगी। बुधवार को इस मामले में महाराष्ट्र के वकील के नहीं जुड़ पाए। कोर्ट ने सुनवाई की तिथि 24 मार्च तय कर दी। इस दौरान परमबीर सिंह को मिली राहत को अगली सुनवाई तक जारी रखा।सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि मामले की CBI जांच हो या नहीं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा, कि वह कानून को कानून की तरह इस्तेमाल करें। कानून की प्रक्रिया को विशेष तरीके से चलाया जाना चाहिए।कोर्ट का कहना था, कि हमने पहले भी कहा है कि यह स्थिति बहुत खराब है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और इस तरह के मामलों से पुलिस व्यवस्था पर से लोगों का विश्वास कमजोर होता है।

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना केस की सुनवाई कल
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना केस की सुनवाई सु्प्रीम कोर्ट कल 2 बजे करेगा। इस मामले में एमिकस क्यूरी जयदीप गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कल सुनवाई करने का आग्रह किया। कोर्ट ने आग्रह स्वीकार करते हुए इस मामले पर सुनवाई के लिए कल 2 बजे का समय तय कर दिया। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विजय माल्या को जवाब देने का आखिरी मौका देते हुए कहा था, कि माल्या की अनुपस्थिति में ही सजा के मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला करेगा।

कोर्ट की ओर से ये भी कहा गया था, कि अगर माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो अदालत इस मामले को विधिक आधार पर आगे बढ़ाएगी। किंगफिशर एयरलाइंस के एक मामले में संपत्ति के पूर्ण विवरण का खुलासा नहीं किया था। माल्या को कोर्ट के आदेश के बाद भी डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्योरा न देने के लिए 2017 में अदालत के आदेशों की अवहेलना का दोषी माना था। कोर्ट के इस फैसले पर माल्या की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है।

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