World AIDS Day: आज विश्व Human Immunodeficiency Virus Infection and Acquired Immune Deficiency Syndrome (AIDS) दिवस है। इसे शॉर्ट फॉर्म में HIV भी कहते हैं। विश्व भर में एड्स के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हर साल AIDS दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1987 में की थी। Healthline से मिली जानकारी के अनुसार एड्स की जागरूकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम से ही इसकी शुरुआत की गई थी। हर साल विश्व एड्स दिवस के लिए कोई न कोई थीम रखी जाती है। इस बार की ‘असमानताओं को समाप्त करें, एड्स का अंत करें थीम रखी गई है।
एड्स को लेकर कोई भी इलाज पुख्ता तौर पर उपलब्ध नहीं है। इस बीमारी को लेकर वैज्ञानिक अभी भी रिसर्च कर रहे हैं। दवाई पर खोज चल रही है। एड्स के वायरस यानी कि एच.आई.वी. किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मुख्य रूप से संभोग के दौरान वीर्य से, चुम्बन के दौरान लार से, रोगग्रस्त व्यक्ति के खून से और ब्लड चढ़ाने के दौरान या नशे के लिए शिराओं में प्रयुक्त एक ही सिरिंज की निडिल की प्रयोग से पहुंच जाते हैं।
एड्स पीड़ित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए लेकिन उन्हें हीन भावना की नजर से नहीं देखना चाहिए। एड्स पीड़ित व्यक्ति की मदद करने से कोई पीड़ित नहीं होता है। यहां पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि एचआईवी ऐसे नहीं होता है।
World Health Organization ने क्या सुझाया?
दोस्तों के साथ खड़े होना
उनके साथ चाय पीना
एक दूसरे को गले लगाना
एक दूसरे से हाथ मिलाना
सबसे अहम बात यहां पर यह है कि अगर आप पीड़ित व्यक्ति की फिक्र करते हैं या फिर उनकी मदद करते हैं तो आप संक्रमित नहीं होंगे।
वर्ल्ड एड्स डे मनाने का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। एड्स आज के आधुनिक समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। UNICEF की रिपोर्ट की मानें तो अब तक 37 मिलियन से ज्यादा लोग HIV के शिकार हो चुके हैं जबकि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी के रोगियों की संख्या लगभग 3 मिलियन के आसपास है।
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