UP Election 2022: Akhilesh Yadav ने किया Modi और Yogi सरकार पर हमला, बोले- ‘काशी में ‘अक्षयवट’ को आघात पहुंचाने वालों का ‘क्षय’ निश्चित है’

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UP Election 2022 के मद्देनजर राजनीति दल दूसरे दल को दलदल में खिंचने में लगे हैं। आरोपों का दौर जारी है और राजनीतिक हमलों की धार भी तेज हो गई है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के प्रमुख Akhilesh Yadav ने एक ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा है।

समाजवादी पार्टी वैसे तो यूपी में अपने ‘एमवाई’ समीकरण के लिए जानी जाती है लेकिन इस चुनाव में चूंकि सीधे भगवा ध्वज वाहक योगी आदित्यनाथ से लड़ाई है। इसलिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बीच-बीच में कुछ-कुछ ऐसी बाते कहते हैं जिससे कि हिंदू मतदाता उनकी ओर आकर्षित होता रहे।

अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का एक मसला उठाया है

इसी क्रम में अखिलेष यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का एक मसला उठाते हुए भाजपा के योगी शासन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है।

अखिलेश यादव ने एक 36 सेकेंड का वीडियो ट्वीट करते हुए भाजपा शासन पर हमला किया है और कहा है ‘काशी में ‘अक्षयवट’ को आघात पहुँचानेवालों का ‘क्षय’ निश्चित है। भाजपा राजनीतिक दंभ से ग्रसित होकर जन भावना एवं जन संवेदना पर निरंतर प्रहार कर रही है। उप्र की जनता भाजपा को जड़ से उखाड़ देगी’

अखिलेश यादव के इस ट्वीट में एक पुजारी अक्षयवट के उखड़ जाने के बाद की व्यथा व्यक्त कर रहा है।

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मालूम हो कि बीते अप्रैल महीने में वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में सदियों से खड़े अक्षयवट को सुंदरीकरण कार्यक्रम के दौरान नुकसान पहुंचा और वो जमीन से उखड़ गया। इस मामले में महंत परिवार ने सीधे तौर पर विश्वनाथ मंदिर प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था।

विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण कार्य के दौरान अक्षयवट गिरा था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण कार्य के दौरान अक्षयवट के गिरने से काशी की जनता भी खासी नाराज थी। हिंदू मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि पूरे देश में केवल तीन जगहों पर अक्षयवट वृक्ष विराजमान है।

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इसमें काशी, गया और प्रयागराज है। बताया जाता है कि गया में अक्षयवट के नीचे पिंडदान करने का, प्रयागराज में मुंडन कराने का और काशी में अक्षयवट के नीचे डंडी स्वामी को भोजन कराने का बड़ा महात्म्य है।

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गया, काशी और प्रयागराज में हनुमान जी तीन स्वरूप में विराजमान हैं। इनमें गया में हनुमान जी बैठे हैं, वहीं प्रयागराज में वह लेटे हैं जबकि काशी में खड़े हैं।

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