जम्मू-कश्मीर में सरकार टूट गई लेकिन आतंकियों की कमर अभी भी नहीं टूटी है। घाटी में आतंकियों का आतंक लगातार जारी है। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों के द्वारा पुलिसकर्मी को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई है। गुरुवार शाम को ही आतंकियों ने शोपियां से पुलिसकर्मी जावेद अहमद डार को अगवा किया था, जिसके बाद उनका शव कुलगाम से मिला। उनके शरीर में कई गोलियां दागी गई थीं। फिलहाल, इस वारदात की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है।  लेकिन सुरक्षाबलों को संदेह है कि इस हत्या को सेना के भगौड़े जहूर ठोकर की अगुआई में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने अंजाम दिया है।

शहीद कांस्टेबल का  तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जिला पुलिस लाईन शोपियां में एक भावपूर्ण श्रद्धांजली समारोह के बाद उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया।  बता दें कि आतंकियों का इतिहास यही बताता है कि वो सुरक्षाबलों से बदला लेने के लिए ऐसे ही इलाके को चुनते हैं। अब तक जवानों को अगवा किए जाने के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें आतंकियों ने निहत्थे सुरक्षाकर्मियों को अगवा किया और फिर बुजदिली से उन्हें शहीद कर दिया। आतंकियों ने पिछले महीने औरंगजेब को उस वक्त अगवा किया था जब वो ईद की छुट्टियों पर घर जा रहे थे। फिर 14 जून की शाम को उनका गोलियों से छलनी शव पुलवामा जिले के गुस्सु गांव में बरामद हुआ था।

खबरों के मुताबिक, जिला शोपियां के वेईल कचडूरा गांव में पुलिस कांस्टेबल जावेद अहमद डार उर्फ जज डार दवा लेने के लिए अपने घर से बाजार निकला था। लेकिन घर से कुछ ही दूरी पर उसे स्वचालित हथियारों से लैस तीन आतंकियों ने पकड़ लिया और वह उसे एक सैंट्रो कार में उसे अगवा कर अपने साथ ले गए।

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