”पहाड़ों के जिस्मों पे बर्फ़ की चादर,चिनारों के पत्तों पे शबनम के बिस्तर”, जानिए कश्मीर में सर्दी के तीन मौसमों के बारे में, हर एक है बेहद खास…

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कश्मीर में सर्दी के तीन मौसम

-श्वेता राय

Kashmir Three Seasons Of Winter: बेनज़ीर कश्मीर अपनी सुंदरता की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है। हमारे देश में हिमालय के पांच प्रशस्त प्रांगणों में कश्मीर सबसे दिलकश और खूबसूरत है। माँ भारती का राजमुकुट कहे जाने वाले कश्मीर का सौन्दर्य बेमिसाल है। सदियों से प्रकृति ने इस राजमुकुट को गगनचुम्बी पर्वत शृंग, हरे-भरे पर्वतों और श्वेत हिम की चादरों से बड़े ही जतन से सजाया-संवारा है। यही कारण है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने भी इसे भारत माता का मुकुट स्वीकार किया है। जहां बाक़ी देश में सर्दी का एक ही मौसम होता है, वहीं कश्मीर में सर्दी के तीन मौसम होते हैं।

Kashmir Three Seasons Of Winter: सर्दियों में चारों तरफ बर्फ और बर्फ से ढके पहाड़

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Kashmir Three Seasons Of Winter: यहाँ की प्रकृति का नज़ारा बर्फ से ढकी चादर की वजह से और भी सुन्दर लगता है। वैसे तो कश्मीर में हर एक मौसम बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। गर्मियों में जहाँ चारों ओर हरियाली और घाटी में अपनी खूश्बू फैलाते केसर के खेत कश्मीर के सौन्दर्य में चार चाँद लगा देते हैं तो वहीं सर्दियों में चारों तरफ बर्फ और बर्फ से ढके पहाड़ और बर्फ के मैदान में खेलते लोग…कुछ ऐसा मनमोहक नज़ारा मानो ऐसा लगता है प्रकृति ने यहाँ सफेद चादर ओढ़ ली हो।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: यही कारण है कि इसकी सुंदरता को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। कश्मीर में घूमने के लिए अनेकों पर्यटक स्थल हैं। जैसे गुलमर्ग, सोनमर्ग,पटनीटॉप । गुलमर्ग को कश्मीर की रूह कहा जाता है। कहते हैं कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है। यहां की खूबसूरत वादियां, ऊंची- ऊंची पहाड़ियां,घाटियों के बीच में बहती झीलें ,झाड़ियों से भरे जंगल,फूलों से घिरी पगडंडिया ऐसा प्रतीत कराती हैं जैसे कोई स्वप्निल स्थल में आ गये हों।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: कश्मीर में हर मौसम अपना रंग बदलता रहता है। सर्दी के मौसम में बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ, जमी हुई झीलें और धाराएँ, लटकी हुई बर्फ की इकाइयां कश्मीर के सौन्दर्य को परिभाषित करती हैं। जो कश्मीर की सुंदरता सर्दियों में कई गुना बढ़ा देती है । जहां बाक़ी देश में सर्दी का एक ही मौसम होता है, वहीं कश्मीर में सर्दी के तीन मौसम होते हैं। पहला है चिल्लई कलां, दूसरा चिल्लई खुर्द और तीसरा है चिल्लई बच्चा।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: 21-22 दिसम्बर की दरम्यानी रात से कश्मीर में कड़ाके की सर्दी वाला दौर शुरू हो जाता है, जिसे चिल्लई कलां कहा जाता है। यह 40 दिनों तक चलता है। इस दौरान बर्फ़बारी सबसे अधिक होती है और पूरे कश्मीर का तापमान बहुत नीचे चला जाता है। पहले चालीस दिन और रातें हड्डियों को ठंडा करने वाली बहुत कठोर होती हैं और इस दौर की बर्फबारी काफी ज़्यादा होती है जिससे अधिक समय तक बर्फ की मोटी चादर जमी रहती है।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: आलम यह होता है कि इस दौरान कई बार दिनों तक मुख्य मार्ग भी बंद हो जाते हैं। तालाब, नदी-नालों पर बर्फ़ की एक मोटी चादर चढ़ जाती है। घर के नल तक में पानी जमने लगता है। सर्दी के मौसम के दौरान होने वाला हिमपात लम्बे समय तक पहाड़ों पर जमा रहता है और जिससे गर्मी के मौसम में नदी-नालों में पानी पर्याप्त मात्रा में रहता है। ज़मीन में जितनी नमी होती है, उतनी ही मिठास यहां के सेब और आलूबुख़ारे में उतर जाती है।

Kashmir Three Seasons Of Winter: कभी-कभी चिल्लई कलां की बजाय, चिल्लई खुर्द और चिल्लई बच्चा में अधिक बर्फ़बारी देखने को मिलती है। कलां का अर्थ होता है बड़ा और खुर्द का अर्थ होता है छोटा। जिस कारण चिल्लई खुर्द का मौसम केवल 20 दिनों तक रहता है। जिसका समय काल 31 जनवरी से 19 फ़रवरी तक होता है। इसमें चिल्लई कलां के मुक़ाबले थोड़ी कम ठंड होती है । और सबसे आखिर में आता है 10 दिवसीय चिल्लई बच्चा, जो कि 20 फ़रवरी से 2 मार्च तक रहता है।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: अपने नाम के अनुरूप यह अपने पिछले मौसमों से समय के मामले में छोटा होता है और महज़ 10 दिनों की इसका समय सीमा होती है। सर्दी के दस्तक देते ही कश्मीरी लोग यहां के पारम्परिक पहनावे फिरन में आ जाते हैं। फिरन एक लम्बे कोट की तरह होता है, जिसे पुरुष तथा महिलाएं दोनों ही पहनते हैं। कड़ाके की ठंड का यह मौसम भले ही घाटी को एक अलहदा सुंदरता से लबरेज़ कर देता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ यह लोगों के लिए कई तरह की परेशानियां भी लेकर आता है।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: सर्दियों में अधिक बर्फबारी होने की वजह से रास्ते बंद हो जाते हैं जिससे लोगों का आवागमन रुक जाता है क्योंकि सड़कों पर जमने की वजह से फिसलन बड़ जाती है। साथ ही साथ ”डल लेक” में भी बर्फ जम जाती है । वहीं जिन लोगों की आजीविका डल झील पर निर्भर है, उन्हें सर्दियों में कष्टों का सामना करना पड़ता है। जमी हुई झील और उनकी आजीविका के कारण शिकारावाला को भी काफी मुश्किलात का सामना करना पड़ता है।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: नज़ीर अहमद शेख जो कि कश्मीरी शिकारावाला हैं कहते हैं कि ”सर्दियों में डल लेक जम जाती है पहले जब शिकारवाला आते हैं तो बर्फ को तोड़ना पड़ता है। घर में बच्चा है फैमिली है उसके लिये निकलना पड़ता है। सब बर्फ नहीं टूटता है इसके लिये शिकारावाला ट्रैक बनाता है और उसी ट्रैक पर सभी शिकारावाला शिकारा निकालते हैं जिसमें बड़ी मुश्किलात का सामना करना पड़ता है।”

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Kashmir Three Seasons Of Winter: इरशाद, जो कि एक शिकारा पर दुकानदार हैं कहते हैं कि ”विन्टर में पैसे अर्न हों क्योंकि हमारा काम टूरिस्टों के ऊपर ही है सबकुछ… इसलिये हम मॉर्निंग में निकलते हैं डल लेक में…मगर ये फ्रीज़ होता है जिसकी वजह से हमें बहुत तकलीफ होती है।”

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Kashmir Three Seasons Of Winter: यहाँ के लोग सर्दियों में खाने का इंतज़ाम सब्ज़ियों को सुखाकर तथा सूखी मछलियों को रखकर करते हैं। हरीसा और सूखी सब्ज़ियां पहले सर्दियों में ही दिखाई देती थीं लेकिन अब पूरे साल ही ये कश्मीर में उपलब्ध होती हैं। करेला, शलजम, गोभी, टमाटर आदि को लोग गर्मियों के मौसम में ही सुखाकर रख लेते हैं ताकि सर्दियों के दौरान जब आवागमन बंद हो जाए तो खाने का बंदोबस्त आसानी से हो जाता है ।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: इस दौरान यहां हरीसा भी बड़े चाव से खाया जाता है और इसे खासतौर से सर्दी का ही व्यंजन माना जाता है। यह गोश्त, चावल और मसालों के मेल से तैयार होने वाला खास पकवान है। ठंड के आते ही कश्मीर में हरीसा की दुकानें सजने लगती हैं। यह शरीर को भीतर से गर्म रखने में भी काफी मददगार होता है। नलों में पानी न जमें, इसके लिए लोग पाइप को मोटे गर्म कपड़ों के नीचे या फिर घास से ढककर रखते हैं।

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Kashmir Three Seasons Of Winter: आजकल लोग इसके लिए थर्माकोल का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। श्रीनगर में जमी डल झील का सुंदर परिदृश्य लोगों का मन मोह लेता है और पर्यटक इसकी सुंदरता का आनंद लेते हैं। बॉलीवुड में जहाँ आपको कश्मीर की वादियों की सुंदरता का दिलकश नजारा अक्सर फिल्मों में देखने को मिलता है तो वहीं कश्मीर में सैलानी दूर -दूर से यहाँ के नजारों औऱ विनटर स्पोर्ट्स का मज़ा लेने के लिये पूरे विश्व भर से आते हैं।

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यहाँ के सर्दियों के मौसम के लुत्फ के साथ- साथ यहाँ बर्फ में खेले जाने वाले खेलों का भी आनंद लेने हर साल सैलानी गुलमर्ग आते हैं। गुलमर्ग दुनिया के सबसे अच्छे और आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। यही कारण है कि जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है और वहाँ साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार गुलमर्ग में हर साल SNOW CYCLING EVENT ORGANIZE कराती है। जिसमें सभी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।

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साहसिक खेलों के साथ-साथ साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विश्व प्रसिद्ध स्की स्थल गुलमर्ग में स्नो साइकिलिंग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर (ATOAK), माउंटेन बाइकिंग एसोसिएशन (MBA) द्वारा पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित भारत में यह स्नो साइकलिंग स्लैलम इवेंट होता है।क्योंकि यूरोपीय देशों में स्नो साइक्लिंग बहुत प्रसिद्ध है और साहसिक खेल प्रेमी हमेशा ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं जहाँ इस तरह की गतिविधियाँ चल रही हों।

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इसलिए हर साल अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस के बाद एक शानदार स्नो स्लैलम इवेंट का आयोजन किया जाता है।कश्मीर घाटी में साहसिक पर्यटन की अच्छी संभावनाएँ हैं और गुलमर्ग उन सर्वोत्तम स्थलों में से एक है जहाँ इस तरह की गतिविधियाँ हर रूप में संभव हैं। यहाँ पर आने वाले सभी प्रतिभागी खेलों का बहुत आनंद लेते हैं।

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