पटाखों पर Supreme Court की सख्त टिप्पणी, ‘दूसरों की जिंदगी की कीमत पर उत्सव नहीं मना सकते’

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पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश के बाद भी इसके प्रयोग को लेकर एक बार फिर Supreme Court सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा कंपनियों को कोर्ट के आदेश के बाद भी पटाखे में प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने पर फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि पटाखो के प्रतिबंध पर कोर्ट के आदेश का पालन सभी राज्यों के द्वारा किया जाना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने पटाखा कंपनियों से भी कहा हम प्रतिबंधित सामग्रियों से बनाए गए पटाखों को गोदाम में रखने की भी इजाज़त नही देंगे। इस मामले में CBI ने सुप्रीम कोर्ट में पटाखों को लेकर की गई जांच की रिपोर्ट में कहा कि कंपनियों ने प्रतिबंध बेरियम का इस्तेमाल पटाखा बनाने के लिए किया है।

पटाखों के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोई हम जश्न मनाने के खिलाफ नही है, लेकिन यह दूसरों के जीवन की कीमत पर नहीं होना चाहिए। कोई भी उत्सव दूसरों के जीवन की कीमत पर नहीं हो सकता। जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि पटाखों के प्रतिबंध पर दिए गए पहले के आदेशों का पालन किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा आज किसी भी उत्सव में पटाखे फोड़े जाते है। विशेष रूप से लड़ी वाले पटाखे फोड़ते हुए देखे जा सकते है। लड़ी वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है बावजूद इसके बाजारों में बड़ी मात्रा में इन पटाखों को बेचा जा रहा है और इस्तेमाल भी होता है।

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कोर्ट ने कहा उत्सव या जश्न पर पटाखों को फोड़ने की बजाय ग्रीन पटाखे जलाए जाए। पटाखों को फोड़ने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। वही पटाखा निर्माताओं का कहना है कि वह इन पटाखो को सिर्फ गोदामों में रख रहे हैं। इसपर कोर्ट ने पूछा कि पटाखों को गोदाम में किस लिए रखा जा रहा है? गोदाम में रखने का क्या मतलब है ?

कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को करेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश के उल्लंघन पर लंबित अवमानना याचिका पर सुनवाई हो रही है। जिसमे पटाखा निर्माताओं के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।

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