SC Collegium : भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना (CJI N V Ramna) की अध्यक्षता में SC Collegium ने देश के 12 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए 44 अधिवक्ताओं और 24 न्यायिक अधिकारियों सहित रिकॉर्ड 68 नामों की सिफारिश की है।
किन High Court की गई है सिफारिश
जिन 12 हाईकोर्ट के लिए सिफारिशें की गई हैं, उनमें इलाहाबाद, राजस्थान, कलकत्ता, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, मद्रास, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा, केरल, छत्तीसगढ़ और असम शामिल हैं। यहां की अदालतों में न्यायधीशों की संख्या जरूरत के हिसाब से काफी कम है। आपको बता दें कि 25 अगस्त और 1 सितंबर को हुई बैठकों में कॉलेजियम ने 112 कैंडिडेट्स के नामों पर विचार किया। इनमे से जिन नामों की सिफारिश की गई है, उनमें 44 बार से और 24 न्यायिक सेवा से हैं।
यह सिफारिश ऐसे समय में आई है जब उच्च न्यायालय न्यायाधीशों की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। केंद्र द्वारा मंजूरी मिलने पर 68 न्यायाधीशों की नियुक्ति इलाहाबाद, राजस्थान, कलकत्ता, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, मद्रास, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा, केरल, छत्तीसगढ़ और असम के उच्च न्यायालयों में की जाएगी।
Collegium ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में जज बनने के लिए 10 महिला उम्मीदवारों की सिफारिश की है। उनमें से, मार्ली वानकुंग मिजोरम की पहली महिला न्यायिक अधिकारी हैं, जिनका नाम पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार गौहाटी उच्च न्यायालय में न्याय के लिए केंद्र भेजा गया है।
क्या होता है Collegium System ?
कॉलेजियम सिस्टम का भारत के संविधान में कोई जिक्र नही है। यह सिस्टम 28 अक्टूबर 1998 को 3 जजों के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के जरिए सामने में आया था। कॉलेजियम सिस्टम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों का एक पैनल जजों की नियुक्ति और तबादले की सिफारिश करता है। कॉलेजियम की सिफारिश दूसरी बार भेजने पर मानना सरकार के लिए जरूरी होता है।
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