Parambir Singh को अदालत से राहत मिली है। SG तुषार मेहता ने सीबीआई का पक्ष रखा। वहीं परमबीर की तरफ से पुनीत बाली ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहता हूं। बाली ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और राज्य कहता है कि हमने जांच कर ली है…क्या यह सही तरीका है? महारष्ट्र सरकार की तरफ से वकील खम्बाटा ने कहा कि यह पूरा मामला CAT के पास सुनवाई के लिए जाना चाहिए। हालांकि अदालत ने इससे इनकार कर दिया।
अदालत ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि मामले में परमबीर को मिली राहत बरकरार रहेगी। मामले में जांच जारी रहेगी। इसके अलावा कोई भी चार्जशीट दाखिल नही की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी। उस दौरान तक CBI को मामले ओर अपना जवाब और यदि किसी को जवाबी हलफनामा दाखिल करना चाहे तो कर सकता है। जस्टिस कौल ने सुनवाई के दौरान विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्राथमिक तौर पर परमबीर सिंह के खिलाफ मामलो की जांच राज्य पुलिस के बजाय किसी अन्य एजेंसी द्वारा किया जाना चाहिए।
इससे पहले गिरफ्तारी पर भी लगी थी रोक
गौरतलब है कि परमबीर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि वह भारत में ही हैं। परमबीर सिंह की तरफ से वकील पुनीत बाली ने कहा था कि वो देश छोड़ कर नहीं गए हैं। बाली ने कहा था कि वो छिप रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी जान का खतरा है। जस्टिस कौल ने कहा था कि हैरानी की बात है कि पूर्व पुलिस कमिश्नर ऐसा कह रहे हैं कि उन्हें जान का खतरा है। बाली ने कहा कि गृह मंत्री पर उन्होंने धन उगाही का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। जिसके बाद अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
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