Nagaland के सीएम Neiphiu Rio ने की AFSPA हटाने की मांग, कहा- राज्य में है शांति

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Neiphiu Rio
Neiphiu Rio

नगालैंड (Nagaland) में घटना के बाद AFSPA को हटाने की मांग हो रही है। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो (CM Neiphiu Rio) ने इसे हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि Armed Forces (Special Powers) Act (AFSPA) कठोर है, इसे हटाना जरूरी है। इसके साथ ही मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Konrad Sangma) ने इसे हटाने की मांग की है। नगालैंड के सीएम ने कहा कि केंद्र कहती है कि राज्य से अफस्पा को नहीं हटाया जा सकता है। पर हम कहत हैं कि यहां पर शांति है। नगालैंड में इतने कठोर कानून की कोई जरूरत नहीं है। इसे यहां से हटाया जाना ही नागरिकों के हित में है।

बन रहा है अहम मुद्दा?

बता दें कि नगालैंड की जनता पहले से ही इस कानून को नए सिरे से हटाने की मांग कर रही है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों की मांग के बाद इसे अहम मुद्दा माने जाने लगा है। पूर्वोत्तर से अफस्पा को हटाने की मांग कई नागरिक समाज संगठन भी कर चुके हैं। फोरम फॉर नागा रिकंसिलिएशन (FNR) ने कहा कि AFSPA, अपने स्वभाव से, “शांति विरोधी” है। राज्य सरकार को इसे निरस्त करने और नागरिक क्षेत्रों से  सशस्त्र बलों को हटाने की सिफारिश करनी चाहिए।

इस तरह आया AFSPA

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (Armed Forces (Special Powers) Act) को भारत की संसद ने साल 1958 में लाया था। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को कुछ विशेष शक्तियां दी जाती है जिससे वे अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बनाएं रख सकें। अशांत क्षेत्र (विशेष न्यायालय) अधिनियम 1976 के अनुसार एक बार क्षेत्र को अशांत घोषित कर दिया जाता है तो वहां पर कम से कम तीन माह तक यथास्थिति (Quo) को बनाए रखना पड़ता है। इसी तरह का एक अधिनिय 11 सितंबर 1958 में भारतीय संसद ने नागा हिल के लिए पास किया था। बाद में इसे असम में फिर धीर धीरे 7 बहने (7 Sisters) कहे जाने वाले सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू कर दिया गया। इसे अभी वर्तमान रूप में असम, नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सो में लागू किया गया है। बता दें कि इस तरह का अधिनियम बॉर्डर से सटे राज्यों में ही लागू किया जाता है।

4 दिसंबर को क्या हुआ था?

बता दें कि नगालैंड में सेना की गलती के कारण 4 दिसंबर की रात को दर्जन भर नागरिकों की जान चली गई थी। नगालैंड में सुरक्षा बलों के एक आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में ‘गलत पहचान’ के चलते कई स्थानीय लोग मार गए। पुलिस ने बताया था कि मरने वालों की संख्या में दर्जन भर लोग शामिल हैं। घटना म्यांमार की सीमा से लगे नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में हुई थी।

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