क्या है जनप्रतिनिधि कानून 1951, जिसकी वजह से गई कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता?

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Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को हाल ही में खत्म कर दिया गया है। यह फैसला उनको मानहानि केस में सूरत कोर्ट द्वारा दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद लिया गया है। चार साल पुराने मानहानि केस के संबंध में उन्हें दोषी पाया गया। गौरतलब है कि उनपर मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी करने के लिए सजा सुनाई गई है।

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राहुल की सदस्यता समाप्त होने के संबंध में लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर यह सूचना दी है। बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 102(1)(e) तथा जनप्रतिनिथि कानून के तहत उनकी सदस्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

Rahul Gandhi: क्या है जनप्रतिनिधि कानून, 1951

संविधान में जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि की सदस्यता को समाप्त करने के संबंध में प्रावधान किया गया है। इसमें कुछ शर्तों के तहत जनप्रतिनिधियों की सदस्यता को आयोग्य ठहराया जा सकता है। इस अधिनियम को संविधान ने अनुच्छेद 327 के तहत संसद द्वारा पारित किया गया था। जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 8 में इससे संबंधित प्रावधान किए गए हैं।

जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 8 और धारा 8(4) के तहत कोई भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त होने के संबंध में प्रावधान किया गया है। यदि कोई जनप्रतिनिधि किसी भी मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से तीन महीने की तारीख तक और यदि इस दौरान अगर वह अपील दायर कर देता है तो उस केस खत्म होने तक अपने पद से आयोग्य घोषित नहीं होगा।

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जनप्रतिनिधि कानून के तहत यदि किसी भी सांसद या विधायक को किसी भी अपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाता है तो उस दिन से लेकर आने वाले 6 सालों तक वह चुनाव लड़ नहीं सकता है।

इस अधिनियम की धारा 8(4) के तहत दोषी ठहराए जाने के तीन माह तक उसकी सदस्यता रद्द नहीं की जा सकती है। यदि दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधि ने कोर्ट के निर्णय के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में चुनौती दी है तो वह मामले की सुनवाई पूरी होने तक आयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है।

जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत चुनावी अपराधों और चुनाव में भ्रष्ट आचरण के लिए दोषसिद्धि पर तथा कतिपय अपराधों के लिए दोषसिद्धि पर आयोग्य घोषित किया जा सकता है। इसके अलावा भ्रष्ट आचरण के आधार पर निरर्हता। (धारा 8 ए)। धारा 9 के तहत भ्रष्टाचार या विश्वासघात के लिए बर्खास्तगी के लिए निरर्हता। धारा 9ए के अनुसार सरकारी अनुबंधों आदि के लिए निरर्हता। धारा 10 तथा 10 ए में सरकारी कंपनी के तहत कार्यालय के लिए निरर्हता तथा चुनाव व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने में विफलता के लिए निरर्हता।

Rahul Gandhi: इन बड़े नेताओं की सदस्यता हो चुकी है रद्द

बता दें कि पिछले साल सामाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की विधायकी भी चली गई थी। उन्हें कोर्ट ने हेट स्पीच के चलते दोषी करार दिया था। उन्होंने लोकसभा में पीठासीन महिला सांसद रमा देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राहुल गांधी के अलावा एचजी मुद्गल 1951, सुब्रमण्यम स्वामी 1976, इंदिरा गांधी 1978 सहति कई विधायकों और सांसदों की सदस्यता सामप्त की जा चुकी है।

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