‘दीदी’ की राहुल पर ‘ममता’, जानें अन्य नेताओं ने क्या कहा?

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Rahul Gandhi
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Rahul Gandhi: केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है। सूरत कोर्ट ने गुरुवार को ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा था। राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त होने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं का बयान भी सामने आया है।

प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

राहुल गांधी की बहन प्रियंका बाड्रा ने ट्वीट में लिखा, “नीरव मोदी घोटाला- 14,000 करोड़, ललित मोदी घोटाला- 425 करोड़, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 करोड़। जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं। क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये किसी समाज के संबंध में नहीं है जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे? ये लोग ऐसी अनुभूति बना रहे हैं कि राहुल गांधी ने पिछड़े समाज के बारे में बोला है।

अशोक गहलोत ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद रहे राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है। सीएम गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।

जयराम रमेश का ट्वीट
कांग्रेस के मीडिया डिपार्टमेंट के मुखिया जयराम रमेश ने लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन के बाद कहा कि हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक तरीके से लड़ेंगे। हम न चुप रहेंगे और ही घबराएंगे।

राहुल पर ‘ममता’

राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई है। ममता ने अपने ट्वीट में लिखा कि पीएम मोदी के न्यू इंडिया में बीजेपी के निशाने पर विपक्षी नेता हैं, जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है। वहीं, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है। आज, हमने संवैधानिक लोकतंत्र का सबसे निम्न स्तर देखा है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी जी का मन साफ होता और हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी के घपले नहीं होते तो क्या कोई प्रधानमंत्री इस बात पर चर्चा करने से पीछे हटता। राजीव गांधी पर भी आरोप लगा था लेकिन वे बेदाग निकले। 7 बार लोकसभा में JPC हो चुकी है, फिर ये क्यों डरते हैं?

अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?

केजरीवाल ने कहा,”अगर आजाद भारत का इतिहास देखा जाए तो हमारा कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं रहा जो सिर्फ 12वीं पास हो। वे सरकार तो चला नहीं सकते लेकिन उनका अहंकार हमेशा ऊपर रहता है। मैं बीजेपी के नेताओं से कहना चाहता हूं कि मोदी जी के नेतृत्व में देश बर्बाद हो रहा है। जो देश को बर्बाद करना चाहते हैं वो बीजेपी में रहो, जो देश को बचाना चाहते हैं वो बीजेपी छोड़ दो।”

उन्होंने कहा कि अब देश के लोगों को आगे आना होगा और लड़ना होगा अगर देश को बचाना है तो देश के लोगों को साथ आना होगा। मुद्दा ये नहीं है कि कौन सी पार्टी सत्ता में रहती है मुद्दा ये है कि लोकतंत्र को बचाना है।

केसीआर ने क्या कहा?

तेलंगाना के सीएम केसीआर ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन है। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होना नरेंद्र मोदी के अहंकार और तानाशाही का सूचक है। इस समय विपक्ष को आपस में नहीं लड़ना चाहिए। सभी को मिलकर बीजेपी की निंदा करनी चाहिए जिससे लोकतंत्र बचा रहे और संविधान की रक्षा हो सके।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?

सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है और मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा। उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी का मुंह बंद करना होगा क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो BJP सरकार से बाहर हो जाएगी।

कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल

जब राहुल गांधी ने अडानी पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछे थे उसी समय से इन्होंने इस प्रकार साजिश राहुल गांधी की आवाज को दबाने के लिए शुरू कर दी थी। मोदी सरकार के मंत्रियों ने कई बार राहुल गांधी के खिलाफ गलत आरोप लगाए। लोकसाभ में राहुल गांधी को बोलने का और अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। ये साफ-साफ भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी और तानाशाह वाले मनोभाव को दर्शाता है।

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