इटली के पीएम पाओलो जेंटिलोनी दो दिवसीय दौरे पर भारत आएं हुए थे। कल उन्होंने यहां पीएम मोदी से मुलाकात की और आतंकवाद से मुद्दे पर बातचीत की। दोनों के बीच हुई  बातचीत के बाद साझा बयान जारी किया गया। इस बयान में दोनों ही देशों के प्रमुखों ने साइबर आतंकवाद से लड़ने के प्रति, प्रतिबद्धता भी जताई।

बता दें कि इटली के प्रधानमंत्री के साथ दोनों देशों के बीच सहयोग के विभिन्न पक्षों पर विस्तृत तौर पर आज चर्चा हुई है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम दोनों मिलकर साइबर सिक्योरिटी व आतंक के खिलाफ एकजुट लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा दोनों नेताओं ने शिष्ट मंडल स्तर की वार्ता में हिस्सा लिया और 12 भारतीय, 19 इतालवी बिजनेस लीडर्स के साथ भी आर्थिक व निवेश सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा की।

दोनों देशों ने रेलवे, निवेश, ऊर्जा, व्यापार, सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में छह करार भी किए हैं। दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। वहीं, इटली की ट्रेड एजेंसी और इन्वेस्ट इंडिया के बीच आपसी सहयोग को लेकर एक अन्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इटली के विदेशी मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय की प्रशिक्षण इकाई तथा भारत के विदेश मंत्रालय के विदेश सेवा संस्थान के बीच चौथे एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। भारत और इटली के बीच सांस्कृतिक सहयोग पर भी एक कार्यकारी प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए।

इस दौरान इटली के प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के संबंधों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत की संस्कृति बहुत रिच है। अर्थव्यवस्था के मामले में भारत में बहुत सारी संभावनाएं हैं। हम भारत के साथ मिलकर आर्थिक संकटों से निपट सकते हैं। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। इटली की कंपनियों के लिए भारत में सरकार की कई अग्रणी योजनाओं जैसे स्मार्ट सिटी में जुड़ने के अवसर हैं। दोनों देश फूड प्रोसेसिंग, फॉर्मा, बुनियादी ढांचा में भी सहयोग कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इटली के किसी प्रधानमंत्री की यात्रा एक दशक से भी अधिक समय बाद हो रही है। आखिरी बार इटली के पूर्व प्रधानमंत्री रोमानो प्रोदी 2007 के फरवरी में भारत की यात्रा पर आये थे। इसके अलावा यूरोपीय संघ (ईयू) में इटली, भारत का पांचवा बड़ा व्यापारिक साझीदार है। दोनों देशों के बीच 2016-17 में 8.79 अरब डॉलर (पांच खरब 19 अरब रुपये से ज्यादा) का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था।

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