सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर मैनपुरी से अपने राजनैतिक तार जोड़ने का मन बनाया है। मुलायम सिंह रविवार को एक निजी समारोह में पहुंचे थे। यहां उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट से अगला चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम ने आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने मैनपुरी की सीट छोड़ दी थी।

उन्होंने कहा कि मैनपुरी से लोकसभा चुनाव जीतकर वे रक्षा मंत्री बने। यहां के सांसद बनने के बाद उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का भी गौरव मिला। इसलिए अब वे मैनपुरी से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ से उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी। लेकिन कुछ अपनों ने ही उन्हें वहां से चुनाव लड़ाकर फंसा दिया।

बता दें कि बेटे अखिलेश के साथ खट्टे मीठे-रिश्तों के बीच मुलायम को यह लगा कि वह शायद मैनपुरी सीट छोड़कर इलाके के अपने खास लोगों और अपनों से किनारे होते जा रहे हैं। पार्टी में भी अधिकार छीने जाने के बाद मुलायम सिंह का सीट का दावा ठोकना यह दिखाता है कि मुलायम के लिए पार्टी में सब कुछ पहले जैसा नहीं रहा है। बता दें कि मैनपुरी  यादव परिवार  का पड़ोसी जिला है और मुलायम सिंह का पैतृक गांव सैफई इसी लोकसभा क्षेत्र में आता है। मुलायम के फैसले से साफ है कि वह फिर से अपने घर लौटकर अपनों के बीच पकड़ मजबूत करने का इरादा रखते हैं।

वहीं मुलायम से मैनपुरी के सांसद तेजप्रताप यादव के कहां से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने तल्खी दिखाई और कहा कि इसका फैसला उन्हें करना है कि  वो कहां से चुनाव लड़ेंगे। मुझसे ये सवाल न पूछा जाए।

इसके साथ ही मुलायम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कांग्रेस नेता ने नीच कहा लेकिन कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को पार्टी से निकालने के बजाय सिर्फ निलंबित किया। ऐसे नेता को पार्टी से निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी से उनके नीतिगत मतभेद हैं। लेकिन प्रधानमंत्री को जनता ने चुना है इसलिए इस तरह की टिप्पणी ठीक नहीं है।

मुलायम सिंह ने ईवीएम पर उठ रहे सवालों का समर्थन किया और कहा कि इससे छेड़खानी को लेकर पूरे देश में अविश्वास कायम हो रहा है। जापान में सबसे पहले ईवीएम का प्रयोग हुआ लेकिन फिर भी जापान में बैलेट से चुनाव होता है।

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