22वें केरल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पद्मावती के खिलाफ देशभर में हो विरोध को बेफिजूल बताया। उन्होंने कहा, फिल्मों और किताबों को अभिव्यक्ति की आजादी दी जानी चाहिए। ये तय करने वालें हम कौन होते हैं, कि फिल्मों में क्या चलना चाहिए और क्या नहीं। हर व्यक्ति की अपनी सोच होती हैं और उसे अपनी सोच-समझ से काम करने का मौका दिया जाना चाहिए। बता दे कि अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर चर्चा करते हुए शशि थरूर ने देशभर के लोगों से अपील की, कि पद्मावती को विरोध का मुद्दा न बनाए। तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा, पद्मावती’ को लेकर किया जा रहा विवाद बेतुका है। हम ऐसे समय में हैं जहां आहत होने का दावा करने वाले लोग हावी हैं।

शशि थरूर का समर्थन करते हुए प्रसिद्द फिल्मकार अपर्णा सेन ने भी अभिव्यक्ति की आजादी पर जोर दिया। उन्होंने कहा-आजादी के विचार, खासकर रचनात्मक कलाकारों की आजादी के विचारों को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं। हम भय के दौर में जी रहे हैं और हर किसी की आजादी को चुनौती दी जा रही हैं, जो कि तानाशाही को जन्म  रहा हैं।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने फिल्म का विरोध करने वालों की कड़ी निंदा की, साथ ही जनता से अपील की, कि इस फिल्म का और विरोध न करे और इसे शांतिपूर्वक रिलीज किए जाने दे। पद्मावती के शूटिंग के समय से ही इस फिल्म का लगातार विरोध किया जा रहा हैं,

कुछ बीजेपी नेताओं ने तो दीपिका और निर्देशक लीला भंसाली का सर कलम करने वालों को करोड़ो का इनाम देनें की भी घोषणा कर डाली थी। जिसके बाद पद्मावती के पक्ष में शशि थरूर द्वारा की गई जनता से अपील, फिल्म के कलाकारों को राहत की सांस दे सकती हैं।

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