केंद्र की मोदी सरकार ने हज यात्रियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। बता दें कि हर साल एक लाख 75 हजार हज यात्रियों को सब्सिडी दी जाती थी। जिसके लिए सरकार को सलाना 700 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे। बताया जा रहा है कि आजादी के बाद पहली बार हज यात्रियों की सब्सिडी हटाई गई है।

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अब केंद्र सरकार हज यात्रियों को सब्सिडी नहीं देगी। इस साल एक लाख 75 हजार मुसलमान हज यात्रा पर जाने वाले हैं।

नकवी ने कहा कि हज यात्रा के लिए मिलने वाली सब्सिडी का लाभ गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों को नहीं मिलता था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हज यात्रा पर जाने वाले गरीब मुसलमानों के लिए मोदी सरकार ने उपाय किया है।

नकवी ने कहा कि भविष्य में समुद्री मार्ग से भी हज यात्रा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब हज सब्सिडी फंड का इस्तेमाल अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा देने के लिए किया जाएगा।

बता दें कि भारत के हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से भेजने की योजना को सऊदी अरब ने मंजूरी दे दी है। मुख्तार अब्बास नकवी ने सऊदी अरब के हज व उमराह मंत्री मोहम्मद सालेह बिन ताहेर बेंटेन के साथ हज-2018 के संबंध में द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।  इस दौरान सऊदी अरब सरकार ने भारत से पानी के जहाज से हज यात्रा दोबारा शुरू किए जाने को हरी झंडी दे दी थी। नकवी का कहना है कि पहले समुद्र के रास्ते हज यात्रा में 12 से 15 दिनों का समय लगता था, लेकिन अब तीन से चार दिन में जहाज से यात्रा समाप्त कर सकते हैं। एक तरफ का रास्ता 23 सौ नाटिकल मील का है। 1995 में मुंबई के यलो गेट से सऊदी अरब के जेद्दाह तक जल मार्ग पर यात्रा होती थी।

खास बात यह है कि भारत से करीब 1300 महिलाएं इस बार बिना मेहरम (परिवार का वह पुरुष जिससे शादी संभव नहीं) के हज यात्रा करेंगी। रियाद ने इस मामले में अपने नियमों में थोड़ी ढील देते हुए 45 साल से अधिक उम्र की कम से कम 4 महिलाओं के समूह को बिना किसी साथी के यात्रा की अनुमति दे दी है।

गौरतलब है कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हज सब्सिडी को धीर-धीरे 2022 तक खत्म करने को कहा था। इसके बाद ही हज सब्सिडी वापस लेने की नीति तैयार की गई। खर्च बढ़ने के बाद सरकार अब हवाई मार्ग के साथ यात्रियों को समुद्र मार्ग का भी विकल्प देगी।

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