Farm laws की वापसी के बाद कांग्रेस कल देशभर में ‘किसान विजय दिवस’ मनाएगी। कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाइयों से किसान विजय रैलियां/किसान विजय सभा आयोजित करने को कहा है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी न कहा कि आज 700 से अधिक किसान परिवारों, जिनके सदस्यों ने न्याय के लिए इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी, का बलिदान रंग लाया है। आज सत्य, न्याय और अहिंसा की जीत हुई है।
तानाशाही शासकों का अहंकार चूरचूर- कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोगों द्वारा किसानों और मजदूरों के खिलाफ रची गई साजिश नाकाम हो गई है और तानाशाह शासकों का अहंकार भी चूरचूर हो गया है। आज रोजी-रोटी और कृषि पर हमला करने की साजिश को नाकाम कर दिया गया है। आज अन्नदाता की जीत हुई है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी निर्णय प्रत्येक हितधारक से बातचीत और विपक्ष के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि मोदी सरकार ने भविष्य के लिए कम से कम कुछ तो सीखा होगा।
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कहा, ”लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।”
सरकार और किसानों के बीच कानूनों को लेकर था गतिरोध
पीएम मोदी ने उन्हीं कानून को वापस लेने की घोषणा की है जिसे लेकर किसान पिछले एक साल से दिल्ली के सिंघू बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच 12 दौर की वार्ता हुई, पर कोई हल नहीं निकला।
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