Lalu Yadav लंबे समय के बाद बिहार की धरती पर दस्तक दे चुके हैं। बिहार से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में लालू यादव एक प्रमुख नाम हैं। इसलिए किसी भी बड़े मसले पर उनकी राय जनता और पत्रकारों दोनों के लिए बहुत मायने रखती है।
गांव और गरीब की बात करने वाले लालू यादव केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार के प्रबल विरोधी माने जाते हैं। बिहार में महागठबंधन बना चुके लालू यादव किसी जमाने में कांग्रेस पार्टी के सबसे करीबी सहयोगी माने जाते थे, लेकिन हाल ही में कांग्रेस ने लालू यादव की पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ दिया है। जिसके कारण इस समय कांग्रेस भी लालू यादव के निशाने पर है लेकिन लालू यादव के पार्टी राजद की मुख्य लड़ाई जदयू-बीजेपी के साथ है।
महंगाई पर लालू यादव ने की चोट, घेरा मोदी सरकार को
हाल में बढ़े डीजल और पेट्रोल के दाम पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू यादव ने कहा कि महंगाई इतनी बढ़ गई है कि जीना मुश्किल हो गया है। पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं, डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। लालू यादव ने कहा कि डीजल का दाम तो देसी घी से भी ज्यादा हो गया है। इतना महंगा हो गया है डीजल की सारा ट्रांसपोर्टेशन उसी से है तो दाम तो बढ़ेगा ही। डीजल तो छोड़िए सरसो के तेल का दाम इतना बढ़ गया है कि कोई सब्जी कैसे बनाएगा।
लालू यादव लगभग 6 साल बाद बिहार की राजधानी पटना पहुंचे हैं और उनके पहुंचने के बाद से सूबे की सियायत गर्मा गई है। राज्य की सत्तारूढ जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार की ओर से लालू यादव के वापसी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया तो नहीं आयी है लेकिन पटना में लालू की मौजूदगी से अंदरखाने सभी सोच में हैं।
लालू यादव परिवार में मचे कलह से परेशान हैं
वहीं लालू यादव बिहार की दो विधानसभा सीटों के लिए जमकर चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं। लेकिन परिवार में मची घमासान से लालू यादव खासे परेशान हैं। बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और छोटे बेटे तेजस्वी यादव के बीच चल रहे शीतयुद्ध के कारण लालू यादव की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। बड़े बेटे तेज प्रताप पूरे बगावत के मूड में हैं, ऐसे में लालू यादव किस तरह से अपने कुनबे को संभालते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन बिहार की राजनीति में उसका परिणाम अभी से दिखाई दे रहा है।
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