पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश फौज के साथ कदम से कदम मिलाकर लड़ाईयां लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय सिख सैनिकों के सम्मान में लंदन में एक स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री की थेरेसा मे ने इसके समर्थन और कोष उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है। ब्रिटेन के समुदाय मंत्री साजिद जावेद ने मंगलवार को लंदन में नए स्मारक के प्रस्ताव को सरकार के समर्थन की घोषणा की।

उन्होंने कहा, हम उन सभी सैनिकों के ऋणी हैं, जिन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए ब्रिटिश फौज के साथ कदम से कदम मिलाकर लड़ाइयां लड़ीं। हमारी राष्ट्रीय राजधानी में यह सिख युद्ध स्मारक उनके बलिदान को सम्मान देगा। यह स्मारक इस बात का प्रतीक भी होगा कि हमारा साझा इतिहास कभी नहीं भुलाया गया।

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे (Theresa May) ने भारतीय सिख सैनिकों के बलिदान और योगदान को सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय स्मारक को समर्थन और कोष उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है। गौरतलब है कि दोनों ही विश्वयुद्धों के दौरान 83 हजार से ज्यादा संख्या में भारतीय सिख सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान की थी और तकरीबन एक लाख से अधिक सैनिक घायल हुए थे। 

हले-दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए थे 83 हजार से ज्यादा सिख सैनिक

बता दें कि विश्वयुद्धों के दौरान 83 हजार से अधिक सिख सैनिकों ने अपनी जान दी थी और एक लाख से अधिक सैनिक घायल हुए थे।

ब्रिटिश संसद के पहले सिख सांसद ने चलाया था अभियान

ब्रिटिश संसद के इतिहास में पहले पगड़ी धारी सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में सिख युद्ध स्मारक के लिए एक अभियान चलाया गया था, जिसके बाद मंगलवार को स्मारक बनाने की योजना को समर्थन मिला।

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