जिस बजट का लंबे समय से इंतज़ार किया जा रहा था, उसे गुरूवार को संसद में पेश किया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने इस पांचवे बजट में आम जनता के लिए कोई फाएदे की घोषणा की हो या नहीं, लेकिन ये बजट सांसदों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। अरुण जेटली ने घोषणा करते हुए बताया, कि सांसदों के वेतन की समीक्षा करने के लिए सरकार नया कानून बनाएगी, जिससे हर पांच साल में सांसदों के वेतन की समीक्षा करके उसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सके।

बता दे, इससे पहले केंद्र सरकार ने जारी सूचना में बताया था, कि सुप्रीम कोर्ट और 24 हाई कोर्ट के जजों की सैलरी में दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोत्तरी की जाएगी। साथ ही बेसिक सैलरी के साथ-साथ उन्हें सरकारी आवास, कार, स्टाफ और अन्य सुविधाएं भी दी जाएगी। इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित विधेयक को मंजूरी दी थी। यह वेतन बढ़ोतरी अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप की गई, जिसे एक जनवरी 2016 से प्रभावी माना जाएगा।

संबंधित आलेख: दोगुना बढ़ी सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की सैलरी

इससे पहले केंद्र सरकार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों के वेतन में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव रख चुकी है, जिसके जल्द ही प्रस्तावित होने की उम्मीद जताई जा रही है। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो राष्ट्रपति को 5 लाख, उपराष्ट्रपति को 4 लाख और राज्यपाल को 3 लाख रुपए वेतन के रूप में दिए जाएंगे। जेटली ने बताया, कि सांसदों के वेतन की समीक्षा की 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी।

यह भी पढ़े: बजट 2018: मोदी सरकार ने गरीबों और मिडिल क्लास पर किया फोकस

सांसदों द्वारा सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद से ही सैलरी में इजाफे की मांग की जा रही थी। सांसदों का कहना था कि बढ़ती महंगाई के साथ वेतन की समीक्षा बेहद जरूरी हो गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here