केंद्र सरकार की कई अहम मुद्दों पर उनकी आलोचना करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने ऐलान किया कि वह बीजेपी को नहीं छोड़ेंगे, पार्टी चाहे उन्हे निकाल सकती है। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन किसी व्यक्ति और पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि नीतियों के खिलाफ है। मैं पार्टी का सदस्य हूं, मैं पार्टी नहीं छोडूंगा। पार्टी चाहे तो मुझे हटा सकती है।’

बता दें कि यशवंत सिन्हा ने हाल ही में मोदी सरकार के विरोधियों के लिए ‘राष्ट्र मंच’ बनाया है। यह मंच ऐसे राजनेताओं और अन्य लोगों के लिए है जो देश की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने बताया, ‘राष्ट्र मंच एक गैर-राजनीतिक संगठन है। इसमें विभिन्न पार्टी के सदस्य सहित पूर्व मंत्री और सांसद शामिल हैं।’

सिन्हा ने कहा कि यह एक आंदोलन है जो देश के किसानों एवं बेरोजगारों के साथ है। बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा अन्य वरिष्ठ नेताओं के राष्ट्रीय मंच में शामिल होने के विषय में उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है, जिसका वह समय आने पर खुलासा करेंगे।

सिन्हा ने अपनी ही पार्टी की केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह देश की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, जिससे देश में भय का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अलग मानसिकता रखने वालों के खिलाफ जांच एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है।

उनका कहना है कि सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में बेरोजगारी, शिक्षा और किसानों की समस्या का उल्लेख किया गया है। यह समस्या एक दिन में तो उत्पन्न नहीं हुई है। इसका साफ अर्थ है कि पिछले तीन वर्षो में सरकार इन मुद्दों पर विफल रही है।

सिन्हा ने कहा कि देश का नागरिक होना बीजेपी का सदस्य होने से ऊपर है। देश के नागरिक होने के कारण मैं किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं। उन्होंने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली और भोपाल में बैठे लोग किसानों की जमीनी स्थिति और दशा से अनजान हैं। ऐसा लगता है कि देश में किसानों की किसी को चिंता ही नहीं है।

इसके साथ ही यशवंत सिन्हा ने आज संसद में पेश हुए आम बजट को लेकर भी मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने इस बजट को बेहद निराशजनक बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पूर्ण बजट पेश करने के अंतिम मौके को गंवा दिया। इस बजट ने किसानों की आस तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि सिंचाई, भावांतर और कर्ज माफी को लेकर बजट में कोई बात नहीं की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि कालेधन को लेकर सिर्फ आकड़ेबाजी और बातें ही हुई है।

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