राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई पर भड़की कांग्रेस, बोली- SC का आदेश पूरी तरह से अस्वीकार्य है

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था।

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जयराम रमेश
जयराम रमेश

Rajiv Gandhi Assassination Case:सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 11 नवंबर शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी और आरपी रविचंद्रन समेत छह आरोपियों को रिहा करने का निर्देश दिया था। अब इस पर काग्रेस पार्टी का बयान आया है। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को रिहा करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरी तरह से अस्वीकार्य है। पार्टी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया है।

जयराम रमेश ने किया ट्वीट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। जिनमें नलिनी श्रीहरन, आर पी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार शामिल हैं। एआईसीसी महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, “पूर्व पीएम श्री राजीव गांधी के शेष हत्यारों को रिहा करने का सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय पूरी तरह से अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है।” “कांग्रेस पार्टी इसकी स्पष्ट रूप से आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है। यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया।

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राजीव गांधी

1991 में हुई थी पूर्व पीएम की हत्या

बता दें कि, 21 मई 1991 की रात राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके लिए धानु नाम की एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया था।

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