भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत(Bipin Rawat) ने इंडिया-यूएस पार्टनरशिप- 21वीं सदी’ (India-US Partnership: Securing the 21st Century) में बोले कि अफगानिस्‍तान में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में भारत को पहले से पता था। जनरल रावत ने यह भी कहा कि अफगानिस्‍तान को लेकर जो कुछ भी भारत ने कहा था वही हुआ है लेकिन इसके समय में फर्क जरूर है। उनके अनुसार भारत के संदर्भ में यदि देखें तो हम जानते थे कि अफगानिस्‍तान पर तालिबान कब्‍जा कर लेगा। उन्‍होंने ये बयान अमेरिका के इंडो-पेसेफिक कमांड के प्रमुख जान क्रिस्‍टोफर एकीलीनो के समक्ष दिया है।

सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि हमने तालिबान के शासन का अनुमान लगाया था और उसी पर अपनी आकस्मिक योजनाएं बनाई हैं। यह वही तालिबान है, केवल उसके साथी बदल गए हैं। हम तालिबान के अधिग्रहण से होने वाली किसी भी आतंकी गतिविधि से निपटने के लिए तैयार हैं। समाचार रिपोर्ट और वहां से आए प्रवासियों की खबरें हमें बता रही हैं कि तालिबान किस तरह की गतिविधियां कर रहा है।

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सीडीएस रावत ने कहा कि टाइमलाइन ने हमें चौंका दिया है क्योंकि उम्मीद कर रहे थे कि शायद कुछ महीनों के बाद ऐसा होगा। हम इस बात से चिंतित थे कि अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधि भारत में कैसे फैल सकती है और इस हद तक हमारी आकस्मिक योजना चल रही थी और हम इसके लिए तैयार हैं।

इंडिया यूएस पार्टनरशिप- सेक्यूरिंग 21st सेंचुरी चर्चा के दौरान सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि मुझे लगता है कि हिंद-प्रशांत और अफगान स्थिति को एक ही नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। वे 2 अलग-अलग मुद्दे हैं। हां, दोनों क्षेत्र में सुरक्षा के लिए चुनौतियां हैं, लेकिन दोनों की अलग-अलग परिस्थितियां हैं।

बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जा कर लिया था। इसके बाद से ही वो अफगानिस्‍तान में अपनी सरकार बनाने में जुटा हुआ है। तालिबान लगातार इस बात को कह रहा है कि इस बार वो एक अलग रूप में सामने आया है। इस नए रूप में लोगों को पहले की अपेक्षा कहीं अधिक आजादी दी जाएगी। महिलाओं को भी इस्‍लामिक कानून के तहत काम करने की इजाजत दी जाएगी।

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