Caste Census पर सरकार ने सदन में दिया जवाब- आजादी के बाद से SC और ST के अलावा अन्य जातियों की गणना नहीं हुई

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Caste Census: मंगलवार को केंद्र ने लोकसभा (Lok Sabha) में साफ किया कि आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य किसी भी जाति की गणना नहीं की गई है। लोकसभा में सरकार से सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार ने जाति आधारित जनगणना के लिए कोई योजना या नीति बनाई है?

आजादी के बाद से नहीं हुई जातिवार जनगणना

जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जाति और जनजाति जिन्हें विशेष रूप से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में अधिसूचित किया गया है, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 के अनुसार समय-समय पर संशोधित किया गया है। उन्होंने एक लिखित उत्तर में कहा, “भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातियों की आबादी की गणना नहीं की है।”

कोरोना के चलते जनगणना को स्थगित किया गया था

मंत्री ने कहा कि जनगणना अनुसूची केंद्रीय मंत्रियों सहित विभिन्न हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि 2021 की जनगणना करने की सरकार की मंशा 28 मार्च 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित की गई थी। हालांकि कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि बिहार में एक दूसरे की राजनीतिक दुश्मन जेडीयू और आरजेडी पहली बार जातिवार गणना के मुद्दे पर एकमत हैं। अगस्त महीने में तेजस्वी यादव और बिहार सीएम नीतीश कुमार ने जातिगत गणना कराए जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात भी की थी। लेकिन सरकार जातिवार गणना की पक्षधर नहीं है। हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी जातिवार गणना की मांग की थी।

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