अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गईं खेत। आज यह कहावत सभी विपक्षियों पर फिट बैठ रहा है क्योंकि अब चुनाव परिणाम भी आ चुके हैं और भाजपा नगर निकाय चुनाव में बंपर सीटों से जीत भी चुकी है। लेकिन विपक्षी पार्टिंया अपनी हार का ठिकरा ईवीएम और चुनाव आयोग पर फोड़ रहे हैं। ईवीएम पर बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान आया है। उन्होंने कहा कि वोटिंग मशीन में गड़बड़ी करके भाजपा की चुनाव में जीत हुई है। अखिलेश यादव ने उदाहरण देते हुए ट्वीट किया कि  जिस जगह पर बैलेट पेपर से चुनाव हुए हैं, उस जगह पर बीजेपी 15 प्रतिशत ही सीटें जीत पाई है। जबकि ईवीएम वाले जगहों पर बीजेपी का जीत प्रतिशत 46 प्रतिशत है।

इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ईवीएम से छेड़छाड़ की थी। मायावती ने कहा कि  अगर इस बार बीजेपी EVM से छेड़छाड़ नहीं करती तो हमारे और भी मेयर जीतते और सीटें भी ज्यादा मिलती। इसके साथ ही बसपा सुप्रीमों ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो बीजेपी बैलेट पेपर से चुनाव कराकर दिखाए, ऐसे में वो सत्ता हासिल नहीं कर सकती।

उत्तर प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में मिले भारी बहुमत से बीजेपी और योगी सरकार काफी खुश हैं। लेकिन विपक्षी खेमा इस समय काफी चिंतित चल रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी को यूपी की जनता ने सिरे से नकार दिया वहीं सपा को भी निकाय चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है। बता दें कि नगर निगमों में 46 फीसदी सीटें जीतने वाली बीजेपी को नगर पालिका और नगर पंचायत में 15 फीसदी सीटों पर ही जीत मिली है। खास बात ये है कि नगर निगम में जहां ईवीएम से वोटिंग हुई थी वहीं, नगर पंचायत और नगरपालिका में वोटिंग के लिए मतपत्रों का इस्तेमाल किया गया था।

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