World Protein Day: Fit और Fine Skin के साथ मजबूत मांसपेशियों के लिए रोजाना करें Protein का सेवन

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World Protein Day
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World Protein Day: जब भी हयूमन बॉडी को स्‍वस्‍थ्‍य रखने की बात होती है, तो प्रोटीन का जिक्र सभी की जुबान पर होता है। बचपन से हम प्रोटीन की जरूरत, उसके महत्‍व के बारे में जानते आ रहे हैं। ऐसे में इसकी कमी शरीर के लिए नुकसानदायक होती है। लोगों को प्रोटीन की जरूरत और सेवन से लेकर कई बातों के बारे में बताने के मकसद से ही वर्ल्‍ड प्रोटीन दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 27 फरवरी को होता है।

वर्ल्‍ड प्रोटीन डे (World Protein Day)2022 में अपना तीसरा वर्ष मना रहा है। इस वर्ष इसकी थीम का उद्देश्य भारत को खाद्य विज्ञान की मूल बातें पहचानने और समझने के लिए प्रेरित करना है। डॉक्‍टर्स के अनुसार एक सामान्‍य पुरुष को रोजाना करीब 46 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए, जबकि महिला को 56 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन हमें फिट और फाइन रखने के साथ ही मांसपेशियां भी मजबूत बनाता है।

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Protein Enriched Food Supplement

World Protein Day: हड्डियों के निर्माण में जरूरी है खाने में प्रोटीन डाइट

मशहूर डायटिशियन श्रद्धा वाही का कहना है कि प्रोटीन स्वस्थ आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रोटीन अमीनो एसिड नामक रासायनिक बिल्डिंग ब्लॉक्स (Building Blocks)से बने होते हैं। हमारा शरीर मांसपेशियों व हड्डियों के निर्माण और मरम्मत तथा हार्मोन एवं एंजाइम बनाने के लिए अमीनो एसिड का उपयोग करता है। इनका उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में भी किया जा सकता है। इसलिए इसका महत्‍व और भी अधिक बढ़ जाता है।

प्रोटीन के प्रत्येक ग्राम में 4 कैलोरी होती है। प्रोटीन शरीर के वजन का लगभग 15 प्रतिशत बनाता है। हमारी प्रोटीन की जरूरत कई कारकों पर निर्भर करती है। मसलन गतिविधि स्तर, आयु और स्वास्थ्य की स्थिति। एक स्वस्थ वयस्क के लिए औसतन 0.8-1 ग्राम प्रति किलोग्राम आदर्श शरीर के वजन के प्रोटीन की सिफारिश की जाती है। श्रद्धा का कहना है, कि उच्च प्रोटीन आहार भूख को कम कर हमारे मेटाबॉलिज्‍म को भी नियंत्रित करता है। यह वजन को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के बेहतर कार्य के कारण होता है। उच्च प्रोटीन का सेवन आपके चयापचय को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है।

World Protein Day: हड्डियां होती हैं मजबूत
मांसपेशियों का निर्माण मुख्य रूप से प्रोटीन से ही होता है। उच्च प्रोटीन का सेवन वजन घटाने के कार्यक्रम के दौरान, मांसपेशियों के नुकसान को कम करते हुए मांसपेशियों और ताकत हासिल करने में मदद कर सकता है। जो लोग अधिक प्रोटीन खाते हैं, उनकी हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर होता है और ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का जोखिम बहुत कम होता है। प्रोटीन को अपने आहार में प्रतिदिन जरूर लेना चाहिए, क्योंकि यह लगातार टूटता है और प्रतिस्थापित हो जाता है।

मानव शरीर प्रोटीन को स्टोर नहीं कर सकता, जैसे कि वह कार्बोहाइड्रेट और वसा को स्टोर करता है। पादप प्रोटीन (plant protein) में कुछ आवश्यक अमीनो एसिड की कमी होती है, लेकिन वे पशु आधारित प्रोटीन (animal based protein) की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक हो सकते हैं, क्योंकि इनमें वसा कम होता है, कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और फाइबर भरपूर होता है। अंडे, नट और बीज, चिकन, क्विनोआ, दूध और दूध उत्पाद, सोया, बीन्स और दालें प्रोटीन के कुछ स्रोत हैं।

नौनिहालों में बढ़ती जा रही प्रोटीन की कमी
यूनिसेफ ( UNICEF) की ओर से जारी द स्टेट ऑफ द वर्ल्डस चिल्ड्रन 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के करोड़ों बच्चों को या तो जरूरत से बहुत कम खाना और प्रोटीन मिल रहा है, अथवा जितनी जरूरत है, वे उससे अधिक मात्रा में भोजन ले रहे हैं।

यूनिसेफ के अनुसार, बच्चों में पोषण की कमी की वजह से उनमें कमजोर याददाश्त, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ गया है। करीब 5 वर्ष से कम आयु के 34 करोड़ बच्चों में जरूरी प्रोटीन और विटमिनों की कमी है। यही वजह है कि छोटी उम्र में ही बच्‍चों में हड्डियां कमजोर हो रही हैं। उन्‍हें जल्‍द थक जाने और मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि उनकी रोजाना की डाइट में प्रोटीन युक्‍त भोजन जरूर दें।
बच्चों में उनके वजन के हिसाब से प्रति किलो 2 से 3 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। अगर बच्चे में प्रोटीन की कमी के लक्षण नहीं हों, तो बीमारी के बाद भी उसे इसी मात्रा में प्रतिदिन प्रोटीन लेने की आवश्यकता होती है। डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर आपका बच्चा 7 महीने से 12 महीने का है तो उसे हर रोज 11 ग्राम प्रोटीन की जरूरत है। बच्चा अगर 1 से 3 साल का है तो 13 ग्राम प्रोटीन देना चाहिए। 8 वर्ष तक के बच्चे को 19 ग्राम और 9 से 13 वर्ष की उम्र है, तो 34 ग्राम प्रोटीन की जरूरत है।

हरी सब्जियां, दूध और सोयाबीन शामिल करें भोजन में
बच्चों को प्रोटीन देने के लिए जरूरी है कि उनके भोजन में फल, हरी सब्जियां और दूध, ,सोयाबीन, मूंगफली शामिल हो। प्रोटीन की पूर्ति के लिए डॉक्टर की सलाह पर प्रोटीन पाउडर भी दिए जा सकते हैं। बच्चों पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलने का असर उनके शरीर पर पड़ता है। उनका शारीरिक विकास रूक सकता है। प्रोटीन की कमी से बच्चे लंबाई रूक सकती है। शारीरिक विकार से साथ-साथ बच्चों के मानसिक विकास पर भी इसका असर पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ प्रोटीन को ज्यादा मात्रा में लेना भी बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसका असर उनके लिवर और किडनी पर पड़ सकता है।

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