यह बड़ी ही अजीब विडंबना है कि इस आधुनिक युग में जब हम मानवता और शांति की बात कर रहे होते हैं…..तब कहीं न कहीं युद्ध चल रहा होता है। शायद ये हमारी मानवीय ज़रूरतें और दिन ब दिन बढ़ती इच्छाएं ही हैं जो हमारे अंदर लालच और ईष्या की भूख की परिणति है। प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्धों ने हमें युद्ध के नकारात्मक नतीजों के साथ साथ और मानव और संसाधनों की कल्पनातीत क्षति के मायने अच्छे से समझाए, लेकिन उसके बावजूद हमारी पीढ़ी सीरिया, इराक़, अफगानिस्तान, लीबिया जैसे युद्धों से जूझती रही है। और तो और  दुनिया को शांति का संदेश देनेवाले भारत भी छद्म और प्रत्यक्ष युद्ध के खतरों से जूझ रहा है। कोरिया की सरहदों पर भी हर वक़्त युद्ध जैसे हालात देख रहे हैं।

लेकिन इन सब के बीच सुकून की बात यही है कि शांति की कोशिशें भी जारी हैं। और भारत हमेशा अपनी शांति नीति के लिए जाना जाता है। शांति की ऐसी ही कोशिशें दक्षिण कोरिया से भी जारी हैं, जहाँ HWPL  नाम की संस्था जो कि यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करती है “शांति” की ज़रूरत और सन्देश दुनिया भर में फैला रही है, सबको एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।  ये संस्था शाँति की दिशा में कितना बड़ा योगदान दे रही है इसका पता इससे ही चलता है की। साल 2017  सितम्बर में  दक्षिण कोरिया में  “HWPL” ने ग्लोबल पीस फेस्टिवल का आयोजन किया जिसमें 30 देशों से लगभग 2 लाख़ लोग शामिल हुए और इस शांति मिशन के पीछे जो चेहरा है वो है श्री मान ली ही  (Mr. Man Lee Hee ) का। उत्तर प्रदेश में भी उन्हें “यूपी रत्न” से नवाजा गया है। और उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है भारत के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले चैनल एपीएन न्यूज की ओर से । यह संस्था पिछले कई सालों से देश विदेश के ऐसे लोगों को जो समाज में शांति लाने और आम जन जीवन के सरोकारों से जुड़े काम करने वाले लोगों को सम्मानित करती रही है। इसमें एक रोचक बात यह है कि दक्षिण कोरिया और उत्तर प्रदेश दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। यूं कहिए कि दोनों की गर्भनाल एक ही है। यहां तक कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल और उत्तर प्रदेश की अयोध्या  को सिस्टर सिटीज माना जाता है। दोनों में यह जुड़ाव आध्यात्मिक माना जाता है।

Mr. Man Hee Leeमान ली ही, वह इंसान हैं जिसने सभी  देशों से  “युद्ध का पूर्ण रूप से अंत करने” और शांति की घोषणा करने की मांग की। मैन ही ली  दुनिया की बड़ी NGO में से एक “HWPL” चेयरमैन हैं जो शांति के लिए दुनिया भर में काम करती है। साल 2013 में जब मैन ही ली ने शांति की दिशा में काम करना शुरू किया। तब से आज तक उन्होंने लगभग 24 शांति यात्राएं की और शांति की ज़रूरत का सरल सन्देश सबको देने की कोशिश की।  उम्र के इस पड़ाव पर इनकी कोशिशें ही हैं कि उन्होंने “शांति मिशन” में युवाओं, से लेकर नेताओं और राष्ट्रअध्यक्षों तक को जोड़ा। उनकी इन कोशिशों ने उन्हें देश विदेश में ख्याति और अनगिनत पुरस्कार दिलाए हैं। एपीएन चैनल को उम्मीद है है कि मान ली ही का शांति का कारवां यूं ही आगे बढ़ता रहेगा।

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