कैसे दुनिया के नक्शे पर आया इजराइल, पढ़ें यहूदियों की मातृभूमि के जन्म की कहानी

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Israel Hamas War
Israel Hamas War

बीते 10 दिनों से इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। एक ओर जहाँ पूरा विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध से परेशान था जिसपर आग में घी का काम करते हुए 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर ताबड़तोड़ बमबारी करके मानो फिर से विश्व युद्ध की संभावनाओं को जीवित कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमास ने करीब 5000 रॉकेट इजराइल पर दागे जिसके बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर बमबारी शुरू कर दी। इस वक्त भी दोनों के बीच खूनी खेल खेला जा रहा है। इजराइल ने हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ते हुए गाजा पट्टी को चारों और से घेर लिया है और हमास के ठिकानों पर ताबड़तोड़ बमबारी कर रहा है।  हालिया आंकड़ों के अनुसार इजराइल- फिलस्तीन  के इस विवाद में 2800 से अधिक फिलिस्तीनी और 1400 से अधिक  इजरायली नागरिकों की मौत हो चुकी है।

क्या है आखिर इजराइल-फिलिस्तीन विवाद

बता दें, वर्ष 1948 में इजराइल को आधिकारिक तौर पर एक स्वतंत्र देश की मान्यता प्राप्त हुई थी। हालांकि, आज़ाद होने से पहले और बाद में इजराइल  हमेशा फिलिस्तीन के साथ संघर्ष में रहा है। इजराइल- फिलिस्तीन विवाद का इतिहास 100 साल से भी पुराना है।

1920 -1940 के मध्य यूरोप में यहूदियों के साथ अनेक अत्याचार हुए।  यहूदी वहां से भागकर एक स्थाई निवास की खोज में यहाँ आने  लगे।  यहूदी मानते थे कि यह उन सभी के पूर्वजों का घर है और वह यहां पर अपना एक देश बनाएंगे। इसी दौरान दोनों समुदायों के बीच अनेकों बार हिंसा भी हुई।  1947 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बीच में आकर कहा कि यहूदियों और अरबों के लिए अलग-अलग देश बनाने के लिए मतदान किया जाए।

जहाँ एक और अरब लोगों ने इसका विरोध किया वहीं  दूसरी तरफ यहूदियों ने संयुक्त राष्ट्र की इस बात को स्वीकार कर लिया, इसलिए ये समझौता कभी लागू ही नहीं हुआ। जब ब्रिटेन भी इस समस्या को सुलझा नहीं पाया तो और मामले को वैसा ही छोड़ कर चला गया, जिसके चलते 1948 में यहूदी नेताओं ने अपने एक अलग देश  इजराइल के निर्माण का ऐलान कर दिया।  फिलिस्तीनियों ने इसका विरोध किया और इस तरह दोनों पक्षों के बीच पहले युद्ध की शुरुआत हुई।  और जब तक इस युद्ध का अंत हुआ इजराइल ज़मीन का  बहुत बड़ा टुकड़ा जीत चुका था।

1967 में इजराइल- फिलिस्तीन दोबारा युद्ध में उतरे, इस बार भी युद्ध में अपना दबदबा जमाते हुए इजराइल ने पूर्वी यरुशलम, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर कब्ज़ा कर लिया । हालांकि बाद में गाजा से तो वह वापस पीछे हट गया लेकिन वेस्ट बैंक पर कंट्रोल जारी रखा है। अभी भी अधिकतर फिलिस्तीनी  नागरिक वेस्ट बैंक में निवास करते हैं और कुछ फिलिस्तीनी गाजा पट्टी में रहते हैं।  जहाँ एक ओर इजराइल यरुशलम को अपनी राजधानी कहकर सम्बोधित करता है वहीं फिलिस्तीन इसे अपने भविष्य की राजधानी मानता है।

हालात आज भी कुछ खास नहीं बदले हैं, दोनों ही देश ज़मीनी विवादों में अक्सर घिरे रहते हैं।  युद्ध और बमबारी आपस में चलती रहती है। जिसके चलते दोनों ओर की जनता को जान का जोखिम उठाना पड़ता है।

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