क्या है इस्लामिक जिहाद, जिसे गाजा अस्पताल पर हमले का कसूरवार बता रहा इजराइल…

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gaza hospital attack
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गाजा के एक अस्पताल में हुए भीषण विस्फोट में कम से कम 500 लोग मारे गए हैं। इस घटना से दुनियाभर में लोगों में गुस्सा है और कई मुस्लिम देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस घटना के लिए इज़राइल और फ़िलिस्तीन ने एक-दूसरे को कसूरवार बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इस हमले की निंदा की है। मामले पर इजरायली सेना का कहना है कि फिलिस्तीन का इस्लामिक जिहाद संगठन इस हमले के लिए दोषी है। वहीं हमास का कहना है कि अल-अहली अरबी बैपटिस्ट अस्पताल पर बमबारी के पीछे इजरायल का हाथ है।

इस्लामिक जिहाद संगठन क्या है?

अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आतंकवादी संगठन करार दिया जा चुका इस्लामिक जिहाद हमास का सहयोगी है और इजरायल का विरोध करता है। आतंकी संगठन की शुरुआत फथी शाकाकी और अब्द अल-अजीज अवदा ने की थी। शाकाकी और अवदा ने इजरायल के खात्मे के मकसद से इस संगठन को बनाया था।

इस्लामिक जिहाद किसी एक जगह से काम नहीं करता है। इसका मकसद है जैसे भी हो इज़राइल पर हमला करना। ऐसा माना जाता है कि इस्लामिक जिहाद का पहला हमला गाजा में 1987 में हुआ था। उस वक्त एक इजरायली सैन्य पुलिस कप्तान की हत्या कर दी गई थी।

इस संगठन के हिजबुल्लाह के साथ गहरे रिश्ते हैं। यहां तक कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से इन लोगों को प्रशिक्षण भी मिला है। इस वक्त सीरिया के दमिश्क से इस्लामिक जिहाद अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रहा है।

हमास और इस्लामिक जिहाद के बीच एक बात समान है कि दोनों इजराइल का विरोध करते हैं। हमास और इस्लामिक जिहाद ने अक्सर फिलिस्तीनी क्षेत्र में आतंकवादी मकसदों को एक साथ पूरा किया है। ज्यादातर इस्लामिक जिहाद अपने आप से काम करता है। ऐसे मौके रहे हैं जब इस्लामिक जिहाद ज्यादा हमलवार रहा है।

80 के दशक के आस-पास ये आतंकी संगठन ईरान के सीधे प्रभाव में आ गया था। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, यह ईरान ही है जो इस्लामिक जिहाद को आर्थिक मदद करता है। अमेरिका दमिश्क में संगठन को पनाह देने के लिए सीरिया में बशर अल-असद शासन को भी दोषी मानता है।

इस्लामिक जिहाद द्वारा किए गए हमले

इस्लामिक जिहाद इजरायली नागरिकों और सैन्य कर्मियों को निशाना बनाकर आत्मघाती बम विस्फोट करता है।

1987: गाजा में एक इजरायली सैन्य पुलिस कमांडर की हत्या ।

1994: एक सार्वजनिक बस में कार बम हमले में 9 लोग मारे गए और 50 घायल हो गए।

1995: इज़राइल के नेतन्या में आत्मघाती बम हमले में 18 सैनिक और एक नागरिक की मौत।

1996: तेल अवीव शॉपिंग मॉल में आत्मघाती बम हमले में 13 लोग मारे गए और 75 घायल हो गए।

2003: हाइफ़ा रेस्तरां में आत्मघाती बम हमले में 22 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए।

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