Israel-Palestine War : क्या 2-स्टेट सोल्यूशन से रुकेगी इजराइल-हमास की जंग? यहाँ पढ़िए इसके बारे में…

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Two-State Solution
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Israel-Palestine War:हाल ही में मिस्र में काहिरा शांति शिखर सम्मेलन हुआ था। जिसमें कई अरब और यूरोपीय देशों के नेताओं ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का समाधान 2-स्टेट सोल्यूशन के आधार पर किए जाने की मांग की थी। दरअसल इस सम्मलेन का उद्देश्य इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के तरीकों को ढूंढ़ना था।

बता दें, 2 स्टेट सोल्यूशन ,धार्मिक आधार पर दो अलग देश बनाए जाने की एक योजना है। 2-स्टेट सोल्यूशन की स्थापना का मकसद इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष को सुलझाने के लिए एक प्रस्तावित रूपरेखा देना था। इसके तहत यहूदियों के लिए इज़राइल और फिलिस्तीनियों के लिए फिलिस्तीन देश होने पर सहमति जताई गयी थी।

मीडिया सूत्रों की मानें तो काहिरा शांति शिखर सम्मेलन में मिडिल ईस्ट, यूरोप, एशिया, कनाडा और ब्राज़ील के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। हालांकि अमेरिका और इजराइल के नेता सम्मलेन में मौजूद नहीं हुए थे।

Israel-Hamas War: जानें आखिर क्या है 2-स्टेट सोल्यूशन?

इस मुद्दे को अगर सरलता से समझें तो 2 स्टेट सोल्यूशन का अर्थ है दो धर्मों के लोगों के लिए दो अलग-अलग देशों की स्थापना करना। यदि इसे इजराइल-फिलिस्तीन के सन्दर्भ में देखें तो, यहूदी लोगों के लिए इज़राइल और फ़िलिस्तीनी लोगों के लिए फ़िलिस्तीन देश होने के अर्थ से है।

2-स्टेट सोल्यूशन 1978 के कैंप-डेविड समझौते से सामने आया था। यह मिस्र और इज़राइल के द्वारा किया गया एक शांति समझौता था। मीडिया रपोर्टस के अनुसार, फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (पीएलओ) ने वर्ष 1988 में इजराइल के अस्तित्व के अधिकारों को स्वीकार किया था। यह 2-स्टेट सोल्यूशन के लिए समर्थन का पहला संकेत माना जाता है।

फिर 1993-1995 के बीच, जहाँ एक ओर फिलिस्तीनियों ने इज़राइल को देश की मान्यता दी वहीं इज़राइल ने पीएलओ को अपने ऐतिहासिक दुश्मन के रूप में स्वीकार किया था। हालांकि हमास 2-स्टेट सोल्यूशन को वर्षों से नकारता आ रहा है।

बता दें कि वर्ष 1993 में इजरायल की सरकार और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) ने ओस्लो समझौते के तहत 2 स्टेट सोल्यूशन को लागू करने की योजना पर सहमति दी थी। जिसके चलते फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) की स्थापना हुई थी।

भारत की 2-स्टेट सोल्यूशन पर राय

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 2-स्टेट सोल्यूशन पर भारत सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि , “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए…फिलिस्तीन का मुद्दा भी था और उस पर, हमने 2 स्टेट सोल्यूशन स्थापित करने के लिए सीधी बातचीत के पक्ष में अपनी स्थिति दोहराई है।”

Israel-Palestine War: बता दें, अब तक इस युद्ध में इजराइल और फिलिस्तीन के 7000 से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। 7 अक्टूबर को हुए हमले में 1400 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी। 200 से अधिक लोगों को गाजा में बंधक बनाकर रखा गया है। वहीं अगर बात करें फिलिस्तीन की तो 5700 से ज़्यादा लोगों की जानें अब तक इस युद्ध में जा चुकी हैं।

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