पाकिस्तान और चीन की दोस्ती सदैव ही विशिष्ट रही है। इन दोनों देशों की नींव तब पड़ी थी जब भारत और चीन के संबंधो में गिरावट आने लगी। इसके अलावा विश्वस्तर पर इन दोनों की दोस्ती भी खतरनाक मानी जाती है। लेकिन अब चीन को पाकिस्तान की दोस्ती भारी पड़ने लगी है। बताया जा रहा है कि चीन को पाकिस्तान में निवेश करने में इस बार करोड़ो रुपयों का नुकसान हुआ है। यह खुलासा पाकिस्तानी अखबार डॉन ने किया है। बता दें अखबार के मुताबिक चीन के निवेशकों को पाकिस्तान में अपने निवेश पर 25 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल इनका निवेश 2.3 करोड़ युआन यानी पाकिस्तानी रुपये में 254 करोड़ रुपये कम हो गए हैं। जो एक बड़े घाटे की तरफ इशारा कर रहा है।

इस घाटे से चीन को एक बड़ा झटका जरूर लगा होगा। इसके अलावा यह घाटा दोनों के रिश्तों में एक दूरी जरूर बनाएगी। इतना ही नहीं पिछले 4 महीने के दौरान पाकिस्तान का स्टॉक एक्सचेंज मार्केट में तेजी से गिरावट देखने को मिल रहा है। इस दौरान प्रमुख इंडेक्स 20 फीसदी टूट चुका है। जिससे पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट में निवेशकों के करीब 1 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये डूब गए है। मीडिया के मुताबिक यहां छोटे निवेशकों को को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।

इसके अलावा चीन के निवशकों को करोड़ों रुपये का घाटा सहना पड़ा। बता दें चाइना फाइनेंशियल फ्यूचर्स, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज और शैनजेन स्टॉक एक्सचेंज ने पिछले साल दिसंबर  में किस्तान स्टॉक एक्सचेंज में 28 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। यह पूरी डील 8.5 करोड़ डॉलर में हुई थी। गिरावट के साथ स्टॉक की कीमत अब 20.24 प्रति शेयर के स्तर पर आ गई है।

डॉन के मुताबिक तीनों इन्वेस्टर को अब तक 28 फीसदी यानी 2.3 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है।

इस घाटे के बाद पाकिस्तान के निवेशकों को भी डर सता रहा है। उन्हें आशंका है कि चीनी निवेशक अपने निवेश को लेकर ऐसे फैसले ले रहे हैं जो घरेलू कंपनियों के हक में नहीं है। जिससे जाहिर है घरेलू कंपनियों को अच्छा खासा नुकसान पहुंच सकता है।

भारत के सामने हो जाता है पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज ढेर-

बता दें भारत के स्टॉक एक्सचेंज के माफिक पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज नहीं टिक पाता है। पाकिस्तान के शेयर बाजार में लिस्टेड कुल 561 कंपनियों की मार्केट कैप 8.88 लाख करोड़ पाकिस्तान रुपये है। वहीं, भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो इसकी वैल्यूएशन रिलायंस इंडस्ट्रीज की मार्केट कैप से भी कम है।

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