कौन थे Jagmohan Malhotra जिनकी The Kashmir Files आने के बाद हो रही है चर्चा ?

जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ था, तब उस समय जगमोहन मल्होत्रा जम्मू- कश्‍मीर के गवर्नर थे।

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Jagmohan Malhotra
Jagmohan Malhotra

Jagmohan Malhotra: विवेक अग्निहोत्री के डायरेक्शन वाली The Kashmir Files फिल्‍म 11 मार्च को रिलीज हो गई है। अभी तक फिल्म बॉक्स ऑफिस में बहुत अच्‍छा प्रदर्शन कर रही है। बता दें कि यह फिल्‍म घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर है। जब से यह फिल्म रिलीज हुई तब से Jagmohan Malhotra के नाम की काफी चर्चा हो रही है क्‍योंकि जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ था, तब उस समय वो जम्मू- कश्‍मीर के गवर्नर थे। इसलिए पलायन के लिए कई लोग उन्‍हें जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं।

Jagmohan Malhotra
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Jagmohan Malhotra थे सजंय गांधी के करीबी

जगमोहन मल्होत्रा ने अपने करियर की शुरुआत एक IAS Officer के तौर पर की थी। 1970 के दशक में जगमोहन दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे और इसी दौरान उनकी नजदीकियां कांग्रेस नेता संजय गांधी से बढ़ीं थीं। बता दें कि आपातकाल के दौरान संजय गांधी ने दिल्ली के “सौंदर्यीकरण” का काम उन्‍हें ही सौंपा था, जिसके कारण दिल्‍ली में बड़े पैमाने पर झुग्गियां ध्वस्त की गईं थीं। बाद में उन्‍होंने 17 February 1980 से 30 March 1981 और 17 February 1980 से 30 March 1981 तक दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल के रूप में काम किया था।

Jagmohan Malhotra थे जम्मू-कश्मीर के 5वें राज्यपाल

26 April 1984 को इंंदिरा गांधी की सरकार ने उन्‍हें जम्मू-कश्मीर का 5वां राज्यपाल नियुक्‍त किया था। 1984 से लेकर 1989 तक उनके कार्यकाल के दौरान, राज्य में अलगाववाद और उग्रवाद अपने चरम पर था। 1986 में कश्मीर में दंगे भी हुए थे। जिसके बाद राज्‍य में कर्फ्यू लग गया था और मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। बता दें कि उस समय की पाकिस्तान की प्रधान मंत्री बेनज़ीर भुट्टो ने अपने भाषणों में उन्हें धमकी भी थी। उनके राज्‍यपाल रहते ही जुलाई 1988 में, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ने भारत से कश्मीर को अलग करने के लिए एक अलगाववादी विद्रोह शुरू किया था।

Jagmohan Malhotra
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11 जुलाई 1989 को उनको गवर्नर के पद से हटा दिया जाता है। जिसकी मुख्‍य वजह जम्मू-कश्मीर के तत्‍कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को माना जाता है। उनके राज्‍यपाल पद से हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात और ज्यादा खराब हो जाते हैं। 14 सितंबर 1989 को कश्मीरी हिंदु समुदाय के सबसे प्रमुख नेता टीका लाल टपलू की कई लोगों के सामने हत्या कर दी जाती है। जिसके कारण कश्मीरी हिंदुओं के अंदर डर बैठ जाता है कि अब वो घाटी में सुरक्षित नहीं है और उनके ऊपर कभी भी हमले हो सकते हैं।

V.P.Singh ने दोबारा दी थी कश्‍मीर की जिम्‍मेदारी

जनवरी 1990 तक देश से राजीव गांधी की सरकार चली गई थी और V.P.Singh देश के प्रधानमंत्री बन गए थे। अपने राजनीतिक विरोधी और उस समय के जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को कमजोर करने के लिए, गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने प्रधान मंत्री वी.पी. से एक बार फिर जगमोहन को राज्य का राज्यपाल नियुक्त करने के लिए कहा था। जिसके बाद वो एक बार फिर वहां के राज्‍यपाल बन थे।

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