Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है अंतर, Budget 2022 में Nirmala Sitharaman ने क्‍या कहा?

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Crypto scam
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Cryptocurrency and Digital Currency: कोरोनो महामारी के बीच मोदी 2.0 बजट आज पेश कर दिया गया, बजट में एक तरफ जहां मिडल क्लास फेमिली को मायूसी हाथ लगी वहीं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहें लोगों के लिए भी इस बार का बजट निराशाजनक रहा है। अब सवाल ये है कि आखिर मंगलवार सुबह जो Budget 2022 पेश किया गाय उसमे क्रिप्टोकरेंसी में क्या बदलाव किए गए है?

Budget Speech 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों को जो भी इनकम होगी उसपर 30 परसेंट का टैक्स देना होगा। भले ही क्रिप्टोकरेंसी पर 30 परसेंट टैक्स की बात कही जा रही है लेकिन यह बात साफ हो गई है कि क्रिप्टो पर बैन नहीं लगाया जाएगा।

Cryptocurrency क्या है?

Cryptocurrency
Cryptocurrencies

क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसा वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो आभाषी है क्योंकि आप इसे देख नहीं सकते, न ही आप इसे छू सकते हैं। आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? तो आपको बता दें कि इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। आसान भाषा में बताएं तो किसी भी देश में करेंसी के लेन-देन के लिए एक मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में केंद्रीय बैंक, लेकिन Crypto के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता। इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में लोकप्रिय होती जा रही है और भारत में भी इसमें निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है। इसे अनियमित बाजार के तौर पर भी जाना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी निवेश का एक ऐसा जरिया है जो आपको पल में अमीर बना देता है तो वहीं एक झटके में उसे जमीन पर भी गिरा देता है। लेकिन इसके बावजूद इसकी इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। साथ ही आपको ये भी बता दें कि Crypto में निवेश करने वालों को जो भी नुकसान होता है उसके लिए सरकार जिम्मेवार नहीं होती। क्योंकि यह सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है।

Digital currency क्या है?

Digital Currency को हम Central Bank Digital Currency (CDBC) के नाम से भी जानते हैं। इसे रिजर्व बैंक जारी करता है और यह सरकार से मान्यता प्राप्त है। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी बढ़ते उछाल को देखते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि देश की अपनी डिजिटल करेंसी होगी जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऐलान किया जा चुका है कि वह अपनी डिजिटल करेंसी लेकर आएगा। 

RBI
Reserve Bank Of India

आरबीआई ने कहा है कि दिसम्बर तक डिजिटल करेंसी पेश करेगा। Digital Currency से मतलब देश का अपना डिजिटल रुपया। लेकिन लगता ये है कि भारत का  अपना डिजिटल रुपया लांच होने के बाद दूसरी डिजिटल करेंसी पर रोक लगाई जा सकती है। इस कारण क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में घबराहट भी फैली हुई है।  

Digital Currency कितने प्रकार की होती है

Digital Currency दो तरह की होती है एक रिटेल (Retail) और दूसरे को होलसेल (Wholesale) के नाम से जाना जाता है। रिटेल को रिटेल डिजिटल करेंसी के नाम से पुकारते हैं, वहीं होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है।

Cryptocurrency और  Digital Currency में अंतर 

डिजिटल करेंसी को देश की सरकार से मान्यता हासिल होती है। इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता। इसे उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के साथ यह सुविधा नहीं मिलती है।

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