UP Election: भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी सांसद वरुण गांधी और मेनका गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया है। हाल के दिनों में वरुण गांधी लगातार किसानों के समर्थन में बयान देते रहे हैं। कुछ लोगों को कहना रहा है कि वो कांग्रेस के संपर्क में भी हैं। इधर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections) के मद्देनजर एक नया समीकरण बनता दिख रहा है। बीजेपी के नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) के तेवर देख कर कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी चुनाव में ‘गांधी ब्रदर्स’ साथ आ सकते हैं!
यानी वरुण गांधी को कांग्रेस पार्टी (Congress) का साथ मिल सकता है। ये कयास इसलिए भी लगाये जा रहे हैं क्योंकि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में किसानों की मौत के मामले में वरुण गांधी ने पार्टी लाइन से इतर सीबीआई जांच की मांग की है।
‘गोडसे जिंदाबाद’ ट्रेंड का किया था विरोध
यह पहला मौका नहीं है जब वरुण गांधी ने पार्टी लाइन से अलग हटकर कोई पक्ष लिया हो। अभी गांधी जयंती के मौके पर ही ट्विटर पर नाथूराम गोडसे जिंदाबाद ट्रेंड होने के बाद उन्होंने ट्विटर यूजर्स के इस रवैये की आलोचना की थी।
बीजेपी में हाशिये पर हैं वरुण
ये कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि वरुण गांधी लंबे वक्त से बीजेपी में हाशिये पर हैं। यही नहीं पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें कोई भी बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। मालूम हो कि एक वक्त में वरुण गांधी पश्चिम बंगाल के प्रभारी हुआ करते थे।
एक समय में सीएम पद के थे दावेदार
विदित हो कि 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में वरुण गांधी का नाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में भी चल रहा था। लेकिन योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदारी देते हुए मोदी-शाह की जोड़ी ने पार्टी के भीतर और बाहर सबको हैरान कर दिया था।
बहन प्रियंका की कर सकते हैं मदद
वहीं, यूपी के सियासी रण में प्रियंका गांधी अकेले पड़ती नजर आ रही हैं। ऐसे में उनको उनके एक भाई का साथ भी मिल सकता है। बता दें कि वरुण, प्रियंका गांधी के चचेरे भाई हैं।
गांधी-नेहरू परिवार को साथ लाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से वरुण गांधी के लिए दरवाजे खुले हैं। वहीं पार्टी भी चाहती है कि गांधी-नेहरू परिवार की विरासत को एक मंच पर लाया जाए।
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